10 जनवरी तक जिले में पशुपालन विभाग सभी पशुओं का करेगा वेक्सिनेशन,बॉर्डर एरिया पर भी टीमें की गई है गठित
10 जनवरी तक जिले में पशुपालन विभाग सभी पशुओं का करेगा वेक्सिनेशन,बॉर्डर एरिया पर भी टीमें की गई है गठित

हिमाचल प्रदेश में साल 2022 में जुलाई और अगस्त माह में लंपी वायरस के मामलों ने पशुधन पर गहरा असर डाला,हजारों की संख्या में पशु इस बीमारी से ग्रसित भी हुए लेकिन पशुपालन विभाग ने केंद्र सरकार के आदेशों के बाद वेक्सिनेशन का कार्य भी शुरू किया। पशुपालन विभाग सोलन द्वारा भी बॉर्डर एरिया पर कार्पेट वेक्सिनेशन शुरू की गई है। विभाग द्वारा 10 जनवरी तक जिले भर में सभी पशुओं का वेक्सिनेशन करने का लक्ष्य रखा गया है।पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ बी बी गुप्ता ने सोमवार को बताया कि सोलन जिले में अगस्त माह में लंपी वायरस के मामले आना शुरू हुए थे,उसके बाद से ही विभाग ने टीमें बनाकर एहतियात बरतनी शुरू कर दी थी। अबतक करीब 30 हज़ार पशुओं का वेक्सिनेशन जिले में पशुपालन विभाग द्वारा किया गया है,वहीं जिले में लगातार वेक्सिनेशन कार्य युद्धस्तर पर चला है।जिले में करीब 1 लाख पशुओं की संख्या है जिनकी पशुपालन विभाग सोलन ने लिस्ट तैयार कर ली है और ग्रामीण स्तर पर डॉक्टरों फार्मासिस्ट की टीमें तैयार कर वेक्सिनेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एक कॉयल से 100 पशुओं का वेक्सिनेशन किया जाता है। ऐसे में इसको लेकर विभाग द्वारा टीमों को गांव गांव में भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में सभी टीमों को आदेश दिए गए हैं कि सभी काम छोड़कर प्रायोरिटी पर वेक्सिनेशन का कार्य को किया जाए ताकि लंबे वार से किस जिला में भविष्य में ना बढ़े और इससे पशुधन सुरक्षित हो सके बता दें कि जिले में अबतक करीब 19 हज़ार पशु लंपि वायरस से ग्रसित हुए है और करीब 1650 पशुओं की मौत इस वायरस से हुई है लेकिन अब धीरे धीरे जिले में मामले कम होते जा रहे है। रोजाना इक्का दुक्का मामले ही जिले में लंपि वायरस के सामने आ रहे है। वहीं जिले में अभी भी 100 मामले लंपि वायरस के एक्टिव है।