Firenib
नई दिल्ली. चुनाव अधिकारियों ने पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की मुफ्त मुफ्त चीजें, मादक पदार्थ, नकदी, शराब और कीमती सामान जब्त की है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
बता दें कि मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव जारी है। इनमें से मध्य प्रदेश, मिजोरम, छत्तीसगढ़ में मतदान हो चुका है। जबकि राजस्थान में 25 और तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होंगे।
चुनाव आयोग ने कहा, “चुनाव की घोषणा के बाद से पांच चुनावी राज्यों में 1760 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती हुई है, जो 2018 में इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों में की गई जब्ती से 7 गुना (239.15 करोड़ रुपये) से अधिक है।”
सबसे अधिक तेलंगाना में जब्ती
चुनाव आयोग के मुताबिक 30 नवंबर को होने वाले चुनाव में तेलंगाना में सबसे अधिक 659.2 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की गई। वहीं, राजस्थान में 650.7, मध्य प्रदेश में 323.7, छत्तीसगढ़ में 76.9 और मिजोरम में 49.6 करोड़ रुपये की जब्ती हुई। यह सभी चीजें मतदाताओं को लुभाने के लिए थीं।
आयोग के एक बयान के अनुसार, इससे पहले छह राज्यों- गुजरात, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा और कर्नाटक, में विधानसभा चुनावों के दौरान 1,400 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती की गई थी, जो इन राज्यों में पिछले विधानसभा चुनावों में की गई जब्ती से 11 गुना अधिक थी।
आयोग ने प्रलोभन मुक्त चुनाव पर दिया था जोर
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि पांच राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते समय, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सभी उम्मीदवारों और दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के मद्देनजर प्रलोभन मुक्त चुनाव पर जोर दिया था। बयान में कहा गया कि इस बार, आयोग ने चुनाव व्यय निगरानी प्रणाली (ईएसएमएस) के माध्यम से निगरानी प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी को भी शामिल किया है जो एक उत्प्रेरक साबित हो रहा है, क्योंकि इसने बेहतर समन्वय और खुफिया जानकारी साझा करने के लिए केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों की एक विस्तृत श्रृंखला को एक साथ लाने का काम किया।
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव आयोग के अनुसार, मिजोरम में कोई नकदी या कीमती चीजें जब्त नहीं की गई, लेकिन अधिकारियों ने 29.82 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ बरामद किये। चुनाव आयोग ने विभिन्न सेवाओं के 228 अधिकारियों को व्यय पर्यवेक्षकों के रूप में तैनात किया है। कड़ी निगरानी के लिए 194 विधानसभा क्षेत्रों को “व्यय संवेदनशील” सीटों के रूप में चिह्नित किया गया था। आयोग का मानना है कि जब्ती का यह आकड़ा बढ़ सकता है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
https://firenib.com/category/automobile/
Source link