आपको बता दें इस समय हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है और इसी बीच मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान शाहपुर के विधायक केवल पठानिया और सुलह के विधायक विपिन सिंह परमार के प्रश्न का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल द्वारा जानकारी दी गई कि पिछले एक साल में BBN Industrial Area में 374 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिन कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है और साथ ही कुछ कंपनियों को ब्लैक लिस्ट भी किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने जानकरी दी कि दवा कंपनियों को कारण के साथ नोटिस भेजे जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि बहुत ही जल्द प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता को जांचने के लिए अल्ट्रा मॉडर्न लैब का लोकार्पण भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 32 करोड़ रुपए कि लागत से अल्ट्रा मॉडर्न लैब का निर्माण किया जा रहा है। दवाइयों की गुणवता जांचने के लिए समय-समय पर औषधि और प्रसाधन अधिनियम 1940 के प्रावधानों के तहत दवा निरीक्षकों द्वारा सैम्पल लिए जाते हैं।
BBN Industrial Area से बार-बार दवाओं के सैंपल फ़ैल होने की खबर
उन्होंने कहा कि अगर जांच के बाद सैंपल की रिपोर्ट निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं होती है, तो ऐसे में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। विधायक केवल सिंह पठानिया ने बताया कि BBN Industrial Area से बार-बार दवाओं के सैंपल फेल होने की खबर आ रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
विधायक विपिन सिंह परमार द्वारा सवाल उठाया गया कि BBN Industrial Area में फार्मास्यूटिकल हब में कितने दवा के सैंपल फेल हुए और क्या दवाइयों की गुणवत्ता जांचने हेतु अल्ट्रा मॉर्डन लैब की स्थापना की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमाचल में दवा उद्योगों की कुल 677 इकाईयां हैं। प्रदेश सरकार भारत सरकार की सहायता से बद्दी में दवा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना कर रही है। विभाग में 39 औषधि निरीक्षक हैं, जिनके द्वारा विनिर्माण इकाइयों, बिक्री परिसरों और सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है।
