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पीयूष शर्मा/मुरादाबादःयूपी का मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां के पीतल के उत्पादन देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. तो वही पीतल के उत्पादों में पीतल के खाने पीने के बर्तन, थाली, कटोरी चम्मच सहित आदि चीज भी जिले में तैयार की जाती है. लेकिन इन पीतल के बर्तनों में खाना खाने के कई फायदे हैं. इतना ही नहीं शादी विवाह में दहेज में भी पीतल के बर्तन देने का रिवाज चलता आ रहा है.

पुराने समय से पीतल के बर्तनों में खाना पकाने का चलन रहा है. पहले के समय में लोग पीतल के भारी बर्तनों में खाना पकाते और खाते थे. जिसका सीधा संबंध उनकी सेहत से जुड़ा होता था. ऐसे बर्तनों में बना हुआ खाना कई पोषक तत्वों से युक्त होता है. जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है. पीतल के बर्तनों में पके हुए खाने में ज्यादा मात्रा में जिंक मौजूद होता है. शरीर में ब्लड काउंट को बढ़ाने में मदद करता है. इसके अलावा इन बर्तनों में बना खाना ब्लड को प्यूरीफाई करने में भी मदद करता है.

श्वसन तंत्र को मजबूत बनाए
जब आप पीतल के बर्तनों में बना हुआ खाना खाते हैं. तब ये आपके श्वसन तंत्र को भी सुचारु रखने में मदद करता है. इस तरह के भोजन से सांस की बीमारियों में भी थोड़ी राहत मिलती है और ये भोजन शरीर के लिए लाभदायक होता है.

त्वचा के लिए लाभदायक
जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ हेमंत चौधरी ने बताया कि पीतल के बर्तनों में खाना पकाने और खाने से इनसे निकलने वाले मिलेनियम तत्व त्वचा को ग्लोइंग बनाने में मदद करते हैं. इससे त्वचा की खूबसूरत बढ़ाने में मदद मिलती है. लेकिन आपको हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि अच्छी क्वालिटी के पीतल के बर्तनों में ही खाना पकाएं और खाएं जिससे इसके कोई साइड इफ़ेक्ट न हों.

पहले के मुकाबले बढ़ा अब चलन
पीतल कारोबारी नितिन खन्ना ने बताया कि पीतल के बर्तन पुराने जमाने में चला करते थे. लेकिन अब दौर चेंज हुआ तो अलग-अलग तरह का सामान मार्केट में आने लगा जिसको देखते हुए लोगों ने पीतल के बर्तनों का प्रयोग करना कम कर दिया था. लेकिन कोबिड के बाद से पीतल के बर्तनों का कलर बढ़ गया है. लोग पीतल के बर्तनों में खाना खाना पसंद कर रहे हैं. और लोगों को पीतल के कुकर कढाई सहित आदि चीज पसंद आ रही है. जिनकी डिमांड अच्छी खासी सामने आ रही है. बढ़-चढ़कर लोग इन्हें खरीद रहे हैं.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18

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हाइलाइट्स

रांची में चार मंदिरों की प्रतिमाओं को खंडित किया गया था.
प्रतिमा खंडित करने वाले की उसी दिन ही हो गई थी मौत.
पुलिस अनुसंधान में आरोपी की मौत की बात आई सामने.

रांची. झारखंड के जेलों में लगातार मिल रही अवैध गतिविधियों की सूचना पर बड़े पैमाने पर जेलरों के तबादले किए गए हैं. इस क्रम में 16 जेल अधीक्षकों और छह जेलरों का ट्रांसफर किया गया है. बुधवार को सरकार की ओर से इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दी गई. बताया जा रहा है कि झारखंड में ईडी की छापेमारी के बाद हुए खुलासे ने सरकार को अलर्ट कर दिया है. ऐसे में कैदी और जेल प्रशासन के गठजोड़ को तोड़ने की कवायद सरकार मे शुरू कर दी गई है.

तबदले की सूची के अनुसार, रांची के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर को भी होटवार जेल के अधीक्षक से हटा दिया गया तो वहीं, अब रांची बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के नए जेल अधीक्षक पेशवा निशांत रॉबर्ट को बनाया गया है. बिसरा निशांत रॉबर्ट इससे पहले खूंटी उपकार के जेल सुपरिंटेंडेंट थे. वहीं, हामिद अख्तर को सहायक कर महान निरीक्षक तू कर निरीक्षणालय झारखंड रांची के पद पर अगले आदेश तक पदस्थापित किया गया है. इसे लेकर गृह कर एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है.

कुमार चंद्रशेखर जेल सुपरिंटेंडेंट लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग को स्थानांतरित करते हुए जेल अधीक्षक केंद्रीय कारा दुमका के पद पर पदस्थापित किया गया. अजय कुमार प्रजापति कर अधीक्षक मंडल कारा चाईबासा को अगले आदेश तक जेल अधीक्षक केंद्रीय कारा जमशेदपुर के पद पर पदस्थापित किया गया. भागीरथी कार्जी प्राचार्य को प्रशिक्षण संस्थान हजारीबाग को केंद्रीय कारा से मेदिनीनगर पलामू के पद पर पदस्थापित किया गया.

जितेंद्र कुमार जेल अधीक्षक को मेदनीनगर पलामू से स्था नेतृत्व करते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग के पद पर पदस्थापित किया गया, इसके साथ ही उन्हें आत्मसमर्पित नक्सली बंदी कारा हजारीबाग के अतिरिक्त प्रभार में भी रखा गया है. हिमानी प्रिया जेल अधीक्षक मंडल कारा सरायकेला को जेल सुपरिंटेंडेंट गिरिडीह के पद पर पदस्थापित किया गया.

जेल अधीक्षक खूंटी मे पदस्थापित बेसरा निशांत रॉबर्ट को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची के पद पर पदस्थापित किया गया. जेल अधीक्षक सत्येंद्र चौधरी को दुमका से स्थानांतरित करते हुए जेल अधीक्षक देवघर पर पदस्थापित किया गया. जेल अधीक्षक सुनील कुमार को मंडल कारा गुमला से स्थानान्तरित करते हुए मंडल कारा चाईबासा का जेल अधीक्षक बनाया गया. जेल अधीक्षक चास, अनिमेश कुमार चौधरी को स्थानान्तरित करते हुए गुलाम जेल अधीक्षक बनाया गया.

जेल अधीक्षक लातेहार,मेनसन बरवा को स्थानान्तरित करते हुए जेल अधीक्षक धनबाद के पद पर पदस्थापित किया गया. जेल अधीक्षक प्रभात कुमार को मंडल कारा लातेहार का जेल अधीक्षक बनाया गया. जेल अधीक्षक अरुनभ को मंडल कारा चास का अधीक्षक बनाया गया. इसके साथ ही उन्हें तेनुघाट उपकारा का भी प्रभार दिया गया.

जेल अधीक्षक राजमोहन राजन को बरही कारा के साथ साथ मंडल कारा  कोडरमा का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया.जेल अधीक्षक नरेंद्र प्रसाद सिंह को जमशेदपुर जेल से गढ़वा जेल का अधीक्षक बनाया गया. जेल अधीक्षक चन्द्रशेखर प्रसाद सुमन को देवघर जेल से स्थानान्तरित करते हुए मंडल कारा साहिबगंज जेल का अधीक्षक बनाया गया.

Tags: Jharkhand Government, Jharkhand news, Jharkhand Police, Ranchi news

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फ़ाइल फ़ोटो

मुंबई: कच्चे तेल की विशिष्टता में प्राकृतिक और स्थानीय शेयर बाजार (शेयर बाजार) में बढ़त के बीच उद्यमियों को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के उद्यम में दो पैसे की बढ़त के साथ 83.30 पर पहुंच। विदेशी मुद्रा मुद्रा भंडार ने बताया कि अमेरिकी डॉलर के प्रमुख वैश्विक शेयरों से विदेशी निवेशकों की धारणा को बल मिला।

इंटरबैंक विदेशी मुद्रा मुद्रा में बाजार डॉलर के ग्रुप रुपए 83.30 पर खुला, जो पिछले बंद भाव से दो पैसे की बढ़त के साथ है। रविवार को अमेरिकी मुद्रा के कॉम्प्लेक्स 83.32 पर बंद हुआ था।

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इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समूह अमेरिकी डॉलर की स्थिति में गिरावट के साथ 0.17 प्रतिशत की गिरावट 103.74 पर बनी हुई है। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80.77 डॉलर प्रति शेयर का कारोबार हो रहा था। शेयर बाज़ार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी फ़्लोरिडा फ़्लोरिडा फ़्लोरिडा (FIAI) ने बुधवार को 306.56 करोड़ रुपये प्रति शेयर की कमाई की।

(एजेंसी)

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Share Market Opening: ग्लोबल मार्केट से मिल रहे संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार की चाल सुस्त है. आज सुबह 11 बजे सेंसेक्स 0.071% यानी 46.94 की मामूली तेजी के साथ 66,070.18 पर कारोबार कर रहा था. जबकि, निफ्टी भी 0.045% यानी 9 अंक की तेजी के साथ 19,820.85 पर कारोबार कर रहा था. हालांकि, मार्केट के ओपनिंग में बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 182.62 अंक बढ़कर 66,205.86 पर रहा, निफ्टी 54.35 अंक चढ़कर 19,866.20 पर पहुंच गया. सेंसेक्स की कंपनियों में विप्रो, एशियन पेंट्स, नेस्ले, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंडसइंड बैंक और आईटीसी के शेयर लाभ में रहे. अल्ट्राटेक सीमेंट और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयरों में गिरावट आई. अन्य एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट फायदे में रहा, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. अमेरिकी बाजार बुधवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80.87 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 306.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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राहुल गांधी

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जयपुर: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी राजस्थान (Rajasthan Assembly Election 2023) में सत्ता बरकरार रखती है तो राज्य में जाति आधारित जनगणना (Caste Based Census) करायी जाएगी। गांधी ने सेना में अल्पकालिक भर्ती की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को लेकर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार (Modi Government) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह योजना लाकर देश की रक्षा करने के लाखों युवाओं के सपने तोड़ दिए गए हैं।

मोदी सरकार ने लाखों युवाओं का सपना खत्म कर दिया

उन्होंने धौलपुर के राजाखेड़ा में एक चुनावी रैली में कहा, ‘‘अग्निपथ योजना क्यों आई.. क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी ने आपके जीएसटी का पैसा आपकी जेब से निकाल कर सीधा अडाणी की जेब में डाल दिया और लाखों युवा, जो चार बजे सुबह उठते हैं.. देश की रक्षा करना चाहते हैं.. उनका सपना खत्म कर दिया.. उनका दिल तोड़ दिया।”

राहुल गांधी (PTI Photo)

चुने हुए लोगों के हाथ में जा रहा भारत माता का धन 

राहुल गांधी ने दोहराया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनते ही जाति आधारित जनगणना करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में दलित, पिछड़े वर्ग के लोगों को अपनी वास्तविक जनसंख्या पता होना जरूरी है और इसके लिए जाति आधारित जनगणना जरूरी है। राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि आज इस देश में धन को कैसे बांटा जा रहा है.. धन किसके हाथ जा रहा है.. क्या सचमुच में हिन्दुस्तान का धन भारत माता की जनता के हाथ में जा रहा है या फिर भारत माता का धन चुने हुए लोगों के हाथ में जा रहा है?”

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वोट लेने के लिए नरेंद्र मोदी ओबीसी 

धौलपुर के राजाखेड़ा में एक रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि उन्होंने संसद में केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की ‘‘लेकिन जिस दिन मैंने संसद में यह बात कही, उस दिन के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण बदल गये।” उन्होंने कहा ‘‘पहले मोदी कहते थे कि वह ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से हैं, लेकिन जब मैंने ओबीसी की आबादी का सवाल उठाया, उसके बाद से नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि हिंदुस्तान में सिर्फ एक जाति है.. वह है गरीब .. वोट लेने के लिए नरेन्द्र मोदी ओबीसी हो गए, मगर जब ओबीसी को भागीदारी देने का सवाल आया, उनकी आबादी पता लगाने की बात आयी तो नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि देश में ओबीसी हैं ही नहीं.. दलित हैं ही नहीं, आदिवासी हैं ही नहीं.. सामान्य वर्ग है ही नहीं.. सिर्फ एक जाति है और वह है गरीब।”

राजस्थान में होगी जाति आधारित जनगणना 

कांग्रेस नेता गांधी ने कहा, ‘‘मैंने मन बना लिया है कि अगर राजस्थान में हमारी सरकार आएगी तो पहला काम राजस्थान में जाति आधारित जनगणना कराने का होगा और जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार आएगी, कांग्रेस पार्टी पूरे देश में जाति आधारित जनगणना करवाएगी।” उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इधर-उधर करने वाले नरेन्द्र मोदी…, जेब काटने वाला अडाणी.…, और बाद में लाठी मारने वाला अमित शाह….।’

Rahul Gandhi in Rajasthan
राहुल गांधी (PTI Photo)

‘आप अडाणी की सरकार चाहते हो..या आम जनता की’

कांग्रेस नेता गांधी ने कहा, ‘‘जो भी हम करते हैं, हम गरीब जनता के लिये करते हैं। चाहे वह स्वास्थ्य योजना हो, मनरेगा हो, भोजन का अधिकार हो, नहर योजना हो, सारा काम हम गरीब जनता के लिए करते हैं और वह (मोदी) पूरा का पूरा काम दो तीन बड़े उद्योगपतियों के लिये करते रहते हैं।” राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आपको निर्णय लेना है.. आप अडाणी की सरकार चाहते हो.. भाजपा की सरकार चाहते हो.. या आम जनता की, किसानों की, मजदूरों की, छोटे दुकानदारों की, युवाओं की सरकार चाहते हो।”

Rahul Gandhi in Rajasthan
राहुल गांधी (PTI Photo)

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जेबकतरा कभी अकेला नहीं आता

भरतपुर के नदबई में अपनी दूसरी रैली में गांधी ने कहा कि जेबकतरा कभी अकेला नहीं आता है। उन्होंने कहा, ‘‘तीन लोग होते हैं.. एक सामने से आता है, एक पीछे से और एक दूर से देखता है… नरेन्द्र मोदी का काम आपके ध्यान को इधर-उधर करने का है, वो सामने से आते हैं.. टीवी में वो आपका ध्यान इधर-उधर करते हैं, वो कहते हैं देखो हिन्दू मुस्लिम .. फिर नोटबंदी , जीएसटी… ध्यान इधर-उधर करते हैं.. पीछे से अडाणी आता है और आपकी जेब काट लेता है। दूसरी तरफ से अमित शाह देखते हैं.. कहते हैं किसी को पता नहीं लग जाये.. दबा कर लाठी मारूंगा तो हिन्दुस्तान की सरकार ऐसे चल रही है।”

…टीवी अडाणी का है

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी को आप 24 घंटे टीवी पर देखते हो .. जब देखो.. नरेन्द्र मोदी टीवी पर हैं.. टीवी किसका है.. आपका है क्या .. आपका नहीं है..किसानों, छोटे मजदूरों, छोटे व्यापारियों का नहीं है.. टीवी अडाणी का है।” उन्होंने कहा, ‘‘वह आपका पैसा अडाणी को देते हैं… हवाई अड्डे, बंदरगाह, सड़कें और सीमेंट संयंत्र देते हैं। वह उनके लिए कानून बनाते हैं, नोटबंदी करते हैं.. और अडाणी 24 घंटे नरेन्द्र मोदी को टीवी पर बैठाते है।”

आज सिलेंडर 1200 रुपये का लेकिन मोदी एक शब्द नहीं बोलते

उन्होंने कहा, ‘‘वो कहते भारत माता की जय और करते अडाणी जी की जय।” गांधी ने यह भी कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) शासन के दौरान नरेन्द्र मोदी कहते थे कि सिलेंडर 400 रुपये का है। उन्होंने कहा, “आज यह 1200 रुपये का है। मोदी एक शब्द भी नहीं बोलते।” उल्लेखनीय है कि राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी। 



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हाइलाइट्स

मीराबाई का साहित्य साधना की सीढ़ियों जैसा लगता है
समर्पण ऐसा कि युगों की दूरिया मिटा कर कृष्ण से जा मिलीं
दर्शन और भक्ति की शास्त्रीयता मीरा के पीछे -पीछे आती दिखती हैं

हिंदू धर्म परंपरा में श्रीकृष्ण के बहुत से भक्त हुए हैं. बहुत से लोगों के बारे में दावा किया जाता है कि उन्हें श्रीकृष्ण की कृपा मिली है. लेकिन मीराबाई एक ऐसी अनन्य भक्त हुई जिन्होंने सारी शास्त्रीय परंपरा को किनारे छोड़ दिया और जो कुछ किया उसी से भक्ति की परिभाषाएं बन गई. बाकी सभी भक्तों ने अलग अलग संप्रदायों का सहारा लिया. अलग अलग तरीके अपनाए. भजन पूजन और साधना की, लेकिन मीरा ने जो कुछ किया वही साधना बन गया. गोपियों को भी श्रीकृष्ण से बहुत प्रेम था. लेकिन गोपियां वो थी जिन्होंने श्रीकृष्ण को देखा था. बचपन में उनके साथ खेली थीं. मीरा ने महज एक मूर्ति देखा. बचपन में ही खुद को उसी मूर्ति को समर्पित कर दिया. कोई कामना नहीं थी. सिर्फ अपन इष्ट में लीन हो जाने की इच्छा थी. प्रभु की आराधना करने वाले बहुतायत भक्त प्रभु की कृपा मांगते हैं. अपने लिए सुख और ऐश्वर्य मांगते हैं. मीरा का तो विवाह ही राजपरिवार में किया गया. वहां सारे सुख थे, लेकिन सब छोड़ कर मुरलीवाले के पीछे चल दीं. आराधना में जो कुछ लिखा वो हिंदी साहित्य की थाती बन गई. भक्तों का भजन बन गया. जबकि मीरा तो सिर्फ अपने लिए गा रही थी.

‘सत्याग्रही’ मीरा
युगों के अंतर का भी मीरा के लिए कोई अर्थ न था. कलयुग में उन्होंने द्वापर के कृष्ण से नाता जोड़ा तो किसी शक्ति को उसे तोड़ने नहीं दिया. रीतियों-कुरीतियों को ऐसे तोड़ दिया जैसे इन बातों का कोई अस्तित्व ही न हो. राजस्थान समेत देश के बड़े हिस्से में पति के मरने के बाद व्याहता के सती हो जाने की परंपरा थी. मीरा की ‘हालत’ हुए उनके व्याहता पति के कुल के कर्णधारों ने मीरा को सती हो जाने की सलाह भी दी. मीरा तैयार नहीं हुईं. आखिर अखंड सुहागन जो थीं –

“गिरधर गास्यां सती न होस्यां मन मोह्यो घणनामी…”

कहा जाता है कि चित्तौड़ की गद्दी पर ही विक्रमादित्य के बैठने के बाद मीरा पर बहुत अत्याचार किए गए. चरणामृत बता कर उन्हें विष दिया गया. विश्वास इतना गहरा था कि पी गईं और कुछ भी न हुआ. सारे अत्याचार सह कर तकरीबन साल भर तक चित्तौड़ में बनी रही. फिर चित्तौड़ छोड़ दिया और ब्रज आ गईं. जब उन पर ये सारे अत्याचार किए जा रहे थे तो मीरा महज 18 या 20 साल की थीं. लक्ष्य के प्रति उनके इस समर्पण को देख और समझ कर महात्मा गांधी ने मीरा को सत्याग्रही बताया. कहें भी क्यों नहीं मीरा ने सीधे राणा को कूड़ा भी बताने में किसी तरह का भय नहीं माना –

नहीं भावे थारो देसड़लो रंगरूड़ो राणा
थांरा देसा में साध नहीं छै लोग बसौ सब कूड़ो.

ये भी पढ़ें : श्रीकृष्ण का यशगान – मीरा और सूर के स्वर में, रहीम-रसखान और नज़रुल इस्लाम के गीत भी

आचरण ही शास्त्र बन गया
भक्ति, दर्शन और शास्त्रीयता के जानकार उनकी भक्ति को अपनी-अपनी कसौटियों पर कस कर देखते हैं. फिर दावें करते हैं कि नवधा भक्ति की सभी नवौं लक्षण मीरा में दिखते हैं. जबकि मीरा कोई लक्षण नहीं दिखा रही थी. किसी मार्ग पर नहीं थी. शास्त्रों की जगह सीधे ढ़ाई आखर प्रेम का पढ़ लिया. उसे ही रोम रोम में इस कदर बसा लिया कि खुद जो कुछ कहा वही शास्त्र बन गया. मीरा के पद कबीर सूर और तुलसी जैसे भक्त कवियों की रचनाओं से किसी तरह कमतर नहीं माने जाते. मीरा का काव्य किसी भी तरह से कथानक पर आधारित नहीं है. इसका आधार तो सिर्फ अनुभूति है. वाह्य जगत की किसी भी घटना से उनकी किसी पंक्ति का कोई लेना देना ही नहीं है.

गोपियों से तुलना
युगों का अंतर है. फिर भी मीरा का सशक्त प्रेम इसे सहज ही पार कर लेता है. राधा से तो मीरा की तुलना होती ही है. रुक्मिणी का जिक्र आने पर भी मीरा की चर्चा कर ली जाती है. किसका प्रेम कितना था, इस पर भी बहस चल पड़ती है. लेकिन इन सारी तुलनाओं के बीच देखने की जरुरत है कि मीरा तो महज अपने हृदय में बसने वाले गिरधारी की थी. न कभी रास रचाया न ही उनके साथ महल में रही. प्रेम और उनके समर्पण की ऊर्जा है जिसने उन्हें श्रीकृष्ण की पटरानी बना दिया. यही नहीं खुद मीरा को राधारानी से कोई द्वेष या ईष्या भी नहीं है. यहां तक कि राधा की ओर से वे कान्हा को कहती है कि अगर बंशी राधा ने ले ही ली है तो वे मुंह से गाएं और हाथों से गायों को घेर कर लाएं –

श्रीराधे रानी दे डारो बाँसुरी मोरी।
जा बंसी में मेरी प्राण बसत है, सो बंसी गई चोरी॥
काहे से गाऊँ प्यारी काहे से बजाऊँ, काहे से लाऊँ गईयाँ फेरी।
मुख से गावो कान्हा हाथों से बजाओ, लकुटी से लाओ गईयाँ घेरी॥
हा हा करत तेरे पैयाँ परत हूँ, तरस खाओ प्यारी मोरी।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, बंसी लेकर छोरी॥

अनन्य प्रेम से अद्वैत का भाव
मीरा ने दूसरे कृष्ण भक्तों की तरह कोई अलग मत या संप्रदाय नहीं बनाया. न ही बने बनाए किसी धार्मिक खेमे में शामिल हुईं. बस प्रेम और प्रेम की वो तीव्रता जिसमें प्रिय को ही राम और हरि भी मान लिया. उनके कृष्ण सिर्फ कृष्ण ही नहीं रह गए. बहुत से पदों में उन्होंने राम या हरि के तौर पर कृष्ण को गाया है. प्रेम में पूरी तरह पग चुकी महान मीरा की इस अभिव्यक्ति की तुलना अद्वैत करते है. हालांकि फिर से बताने की जरुरत नहीं है कि मीरा किसी भी मत का पालन नहीं कर रही थीं. हां उन्होंने अपने कृष्ण को अनेक नामों से संबोधित जरूर किया-

हरि बिन कूण गति मेरी।
तुम मेरे प्रतिकूल कहिए मैं रावरी चेरी॥
आदि अंत निज नाँव तेरो हीया में फेरी।
बेरी-बेरी पुकारि कहूँ प्रभु आरति है तेरी॥

या फिर मीरा खुद को राम की दासी बताने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं आती-

लगी मोहि राम खुमारी हो।
रमझम बरसै मेहंड़ा भीजै तन सारी हो॥
चहूँदिस चमकै दामणी गरजै घन भारी हो।
सत गुरु भेद बताइया खोली भरम किवारी हो॥
सब घट दीसै आतमा सबही सूँ न्यारी हो।
दीपग जोऊँ ग्यान का चढूँ अगम अटारी हो।
मीरा दासी राम की इमरत बलिहारी हो॥

बचपन
हिंदू कलैंडर के मुताबिक माना जाता है कि मीरा का जन्म शरद पूर्णिमा को विक्रमी संवत 1561 में हुआ था, ये ईस्वी के हिसाब से 1504 या 1503 हो सकता है. बचपन से ही भक्ति के संस्कार थे. कहा जाता है कि माता से किसी समय इन्होंने कई बार पूछा कि उनका दूल्हा कौन है, तो माता ने गिरधर की मूर्ति की ओर संकेत कर दिया और तभी से मीरा ने उन्हें अपना पति मान लिया. ये भी उल्लेख मिलता है कि पूर्व जन्म में ये गोपिका थीं और उस समय उन्हें कृष्ण नहीं मिले तो कलिकाल में इनका पुनर्जन्म हुआ. हालांकि ये दंतकथा अधिक लगती है क्योंकि उस समय तो कृष्ण किसी गोपिका को नहीं मिले थे. इसी तरह इस लोक को छोड़ने को लेकर भी कई कथाएं हैं. एक मान्यता है कि ये कृष्ण का गान करते हुए उन्ही के विग्रह में लीन हो गई थीं. ये दंतकथा भी हो तो ठीक ही लगती है क्योंकि मीरा तो हमेशा से कृष्ण में ही लीन रही हैं.

Tags: Literature, Lord krishna, Meera

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PM Kisan Yojana 15th Installment

PM Kisan Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने और आर्थिक रुप से सबल बनाने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की गयी थी. इस योजना के तहत किसानों के बैंक खाते में छह हजार रुपये की राशि दी जाती है. ये राशि दो-दो हजार रुपये की किस्त में साल में तीन बार दी जाती है.

PM Kisan Yojana

पीएम मोदी ने हाल ही में झारखंड के खूंटी से किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपये ट्रासफर किया था. हालांकि, कई किसानों की शिकायत है कि उनके खाते में रुपये नहीं आया है. अगर, आपके साथ भी, ऐसा हुआ है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है. थोड़ी कोशिश करने से आपके खाते में अभी पैसा आ सकता है.

PM Kisan Yojana

पीएम किसान योजना का पैसा पाने के लिए तीन चीजों का होना बेहद जरूरी है. इसके लिए केवाईसी अपडेट, भू-सत्यापान और बेनिफिशियरी लिस्ट में नाम होना जरूरी है. इन तीनों में से कोई एक भी अगर नहीं होगा तो आपके खाते में रुपया नहीं आएगा.

PM Kisan Yojana

केवाईसी के लिए के साइट पर कई विकल्प दिये गए हैं. बेनिफिशियरी लिस्ट भी आप यहां से देख सकते हैं. अगर आपका केवाईसी अपडेट है और बेनिफिशियरी लिस्ट में आपका नाम भी है फिर भी पैसे नहीं आए हैं तो आप, इसकी शिकायत कर सकते हैं.

PM Kisan Yojana

KYC और भू-सत्यापान के बाद भी अगर आपके खाते में पैसा नहीं आया है तो आप इसकी शिकायत पीएम किसान योजना के लिए बनाए गए हेल्प डेस्क में कर सकते हैं. यहां से आपके खाते में परेशानी या पैसा नहीं ट्रांसफर होने के कारण के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी.

kisan samman nidhi yojana

पीएम किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ी किसी भी शिकायत के लिए आप 011-24300606 और 155261 या टोलफ्री नंबर 18001155266 पर कॉल कर सकते हैं. इसके साथ ही, लाभार्थी किसान, [email protected] और [email protected] पर ईमेल करके भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

PM Kisan Yojana

बता दें कि अभी इस योजना के तहत केंद्र सरकार के द्वारा किसानों को अभी तक 15 किस्त दी जा चूकी है. साथ ही, सरकार ऐसे अपात्र किसानों की भी पहचान कर रही है जो फर्जी तरीके से सरकार से पैसे लेते हैं. इनका पैसा रोका जा रहा है और बकाया राशि की वसूली भी की जा रही है.

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राजौरी: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में दो कैप्टन सहित चार जवान शहीद हो गये हैं। यह मुठभेड़ बुधवार सुबह शुरू हुई थी। इस बीच पुलिस ने श्रीनगर के बेमिना इलाके से 2 आतंकियों को हथियारों और गोला बारूद के गिरफ्तार किया है। 

पुलिसने कहा कि सुरक्षाबलों ने मौके पर दो आतंकियों को घेर लिया है। उसने बताया कि धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त घेराबंदी और तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ में एक अधिकारी और एक सैनिक की जान चली गई और एक अन्य सुरक्षाकर्मी घायल हो गया। उन्होंने बताया कि घायल जवान को अस्पताल ले जाया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षाबलों ने मौके पर दो आतंकियों को घेर लिया और भीषण मुठभेड़ जारी है। उन्होंने कहा कि आतंकियों को मार गिराने के लिए और अधिक जवानों को भेजा गया है। पुलिस ने बताया कि धर्मसाल के बाजीमाल इलाके में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त घेराबंदी एवं तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इलाके में सक्रिय आतंकवादियों का पता लगाने के लिए रविवार से ही घेराबंदी एवं तलाशी अभियान जारी है।

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एक ग्रामीण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अभियान के कारण हमें घर पर ही रहने और बाहर न निकलने के लिए कहा गया था। हमारे बच्चे घर पर ही रहे और स्कूल नहीं गए।” उन्होंने बताया कि गांव के नजदीक वन क्षेत्र में मुठभेड़ जारी है। अधिकारियों ने कहा कि बाजीमाल में मुठभेड़ स्थल पर घेरे गए दोनों आतंकवादी विदेशी नागरिक प्रतीत होते हैं और रविवार से इलाके में घूम रहे थे। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने एक उपासना स्थल पर भी शरण ली थी। 



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Delhi Nursery Admission 2024 Registration To Begin Today: दिल्ली के नर्सरी स्कूलों में एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन आज यानी 23 नवंबर 2023 दिन गुरुवार से शुरू हो जाएंगे. वे पैरेंट्स जो अपने बच्चे का एडमिशन पीजी से लेकर क्लास वन तक किसी भी कक्षा में कराना चाहते हैं, वे आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें डायरेक्ट्रेट ऑफ एजुकेशन की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा, जिसका पता ये है – edudel.nic.in. पैरेंट्स यहां जाकर अपने बच्चे का नर्सरी एडमिशन 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

इनको मिलती है प्रायॉरिटी

गिल्ली नर्सरी एडमिशन के नियमों में एक नियम ये भी है जिसके तहत इन स्टूडेंट्स को रिजर्वेशन मिलता है. 25 परसेंट सीटें ईडब्ल्यूएस, डीजी और चाइल्ड विद डिसएबिलिटी कैटेगरी के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं. ये नियम सभी प्राइवेट अनएडेड स्कूलों पर लागू होता है जो प्री स्कूल, प्री प्राइमरी और क्लास वन में बच्चों का एडमिशन लेते हैं.

डायरेक्ट्रेट ने इस बाबत ये भी कहा है कि स्कूल इस बात का ध्यान रखें कि एंट्री लेवल पर कुल सीटें पिछले तीन सालों से कम नहीं होनी चाहिए.

इन कैंडिडेट्स को भी मिलता है फायदा

रिजर्वेशन के अलावा इस कैटेगरी के कैंडिडेट्स को भी अलग तरह का फायदा या प्राथमिकता मिलती है.

  • वे कैंडिडेट्स जो सर्वोदय विद्यालय के एक किलोमीटर के अंदर रहते हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.
  • जिनके एक किलोमीटर के अंदर कोई विद्यालय नहीं है, उस केस में तीन किलोमीटर के अंदर रहने वाले कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जाएगी.
  • अगर तीन किलोमीटर पर भी विद्यालय न हो तो पास के स्कूल के लिए अप्लाई किया जा सकता है. हालांकि ऐसे में बच्चे के सेफ ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी पैरेंट्स की होगी.

इस तारीख के पहले कर दें आवेदन

दिल्ली नर्सरी एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन आज से होंगे और 15 दिसंबर 2024 तक चलेंगे. इसके पहले आवेदन जरूर कर दें. हालांकि बेहतर तरीका ये है कि जितना जल्दी हो सके फॉर्म भर दें और शुरुआती लिस्ट में ही बच्चे का सेलेक्शन करा लें. पहली लिस्ट 12 जनवरी 2024 के दिन जारी होगी. 

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– सीमा कुमारी

मुंबई: आज यानी 23 नवंबर 2023 गुरुवार को ‘देवउठनी एकादशी’ (Dev Uthani Ekadashi 2023) का पावन त्योहार। है। यह एकादशी हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, देवोत्थान एकादशी पर भगवान शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह करवाने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। विवाह और पूजन विधि-विधान से करने के लिए पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करें। इन चीजों को शामिल किए बिना पूजा अधूरी रह जाती है। आइए जानें तुलसी विवाह में कौन-कौन सी चीजें जरूरी होती हैं।

तुलसी विवाह की सामग्री

फल

फूल,धूप

दीप

भोग

हल्दी

कुमकुम

तिल

हल्दी की गांठ

बताशा

दिये

तुलसी जी

विष्णु जी का चित्र

शालिग्राम

गणेश जी की प्रतिमा

कोई सुंदर रूमाल

श्रृंगार का सामान

कपूर

घी का दीपक

आंवला

चने की भाजी

सिंघाड़ा

हवन सामग्री

मंडप बनाने के लिए गन्ना

लाल चुनरी

वर-वधु के दिए जाने वाले आवश्यक समान

ऐसे करें पूजा

तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह करने के लिए हिंदू पंचांग के मुताबिक शुभ मुहूर्त ही चुनें। इस शुभ मुहूर्त में घर के आंगन, छत या बालकनी के नीचे अच्छी तरह से सफाई करें। वहां गन्ने के साथ मंडप तैयार करें। देवउठनी के दिन शाम के समय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के आगमन के लिए तुलसी विवाह से पहले रंगोली बनाएं। तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विधि-विधान के साथ विवाह करवाएं। देसी घी के 11 दीपक जलाएं। गन्ना, अनार, केला, सिंघाड़ा, लड्डू, पताशे, मूली आदि मौसमी फल और नया अनाज अर्पित करें। इस शुभ अवसर पर विवाह के मांगलिक गीत भी गाए जाते हैं। इसके साथ ही, इस दिन नामाष्टक सहित विष्णुसहस्त्रनामं के पाठ करें। पाठ करने से आपको बहुत ही पुण्य मिलेगा।

ऐसे करें मंत्र का उच्चारण

इस दिन मां तुलसी और शालिग्राम की कृपा पाने के लिए तुलसी को स्पर्श करते हुए इस मंत्र का जाप करें- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते ।।

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