अन्नदाता किसानों को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार अब घर घर पहुंचकर किसानों से अनाज खरीद रही है। विपरीत मौसम को देखते हुए एक तरफ योगी सरकार ने निर्देश दिए है कि गेंहू में खुले न रखे, इसे गोदाम में सुरक्षित रखा जाए। इसके साथ ही रविवार हो या अन्य अवकाश, मोबाईल क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों के साथ में संवाद जारी है। सरकार के आकड़ों के मुताबिक किसानों का भी साथ मिल रहा है वही 10 अप्रैल गेंहू खरीद के लिए 3,67,875 किसानों ने पंजीकरण करा लिया। वही 5784 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं खरीद हो रही है और 27388 किसानों से 1.43709 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद भी हो चुकी है।
अब तक 3.67 लाख किसानों ने कराया पंजीकरण
आपको बता दे, दो दिन में लगभग 11 हजार से अधिक किसानों ने सरकारी बिक्री के लिए पंजकरण करवाया है वही 8 अप्रैल तक जंहा 20,409 किसानों से गेहूं क्रय किया गया था, वहीं 10 अप्रैल तक बिक्री करने वालों किसानों की संख्या बढ़कर 27388 से अधिक हो गई है, यानि दो दिन में लगभग 7 हजार से अधिक किसानों ने सरकारी क्रय केंद्रों पर गेंहू की है। अब तक 3.56 लाख किसानों ने गेहूं बिक्री के लिए पंजीकरण कराया था, जो 10 अप्रैल तक बढ़कर 3.67 लाख हो गया है।
अवकाश के दिन घर घर पहुंचे यूपी सरकार की टीम
गेहूं की अच्छी ख़रीद हो, इसके लिए कटाई के पहले से ही गांव गांव जाकर किसानों से संपर्क साधा गया और उन्हें सरकारी क्रय केंद्र पर बिक्री के लिए प्रेरित किया गया। वही खाद्य व रसद विभाग पहली बार मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से किसान के खेत तक पहुंच रहे हैं। एक तरफ़ कटाई चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ मौके पर ही गेहूं तौला जा रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर अवकाश के दिनों में भी क्रय केंद्र खुल रहे हैं, जिससे गेहूं बेचना अन्नदाता किसानों के लिए काफी आसान हो गया है।
बिना सत्यापन के 100 कुंतल गेहूं बेच रहा है पंजीकृत किसान
योगी सरकार ने व्यवस्था की पंजीकृत किसान बिना सत्यापन 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर क्रय केंद्रों पर बैठने, शुद्ध पेयजल आदि की भी समुचित व्यवस्था की गई है। वहीं किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान भी कराया जा सकता है।
50 लाख किसानों को 43424.44 करोड़ का भुगतान
योगी सरकार ने 8 साल में किसानों से सीधे सम्पर्क करने की कोशिश की है वही योगी सरकार के आने के बाद में 8 साल में लगभग 50 लाख किसानों को गेंहू की बिक्री के लिए 43424.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। जबकि सपा शासन के समय महज 5 साल में 9,02,098 किसानों को 12808.67 करोड़ रुपये ही भुगतान किया गया है।
