बिच्छू घास: कई बड़ी बीमारियों का काट है ये पौधा! सर्दियों में शरीर को रखे गर्म, जोड़ों का दर्द भी करे छूमंतर

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पवन सिंह कुंवर/हल्द्वानी. बिच्छू घास का नाम तो आप सबने सुना होगा और इसके कई फायदे भी आपको मालूम होंगे. अगर आप सर्दियों के मौसम में बिच्छू घास से बनी सब्जी का खाते हैं तो यह आपके जोड़ों का दर्द दूर कर देगी. साथ ही सर्दियों में आपके शरीर के तापमान को भी मैनेज करती है. बिच्‍छू घास की सब्जी सर्दी में गर्मी का अहसास कराती है. उत्तराखंड में सर्दियों में इसकी सब्जी खूब खाई जाती है. ठंड से बचाव का एक और आसान तरीका है कि आप बिच्‍छू घास से बना साग खाना शुरू कर दीजिए.

बिच्‍छू घास के पत्तों में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में खून की कमी को दूर करता है. इसके अलावा फोरमिक एसिड, एसटिल कोलाइट और विटामिन ए भी बिच्‍छू घास की सब्जी से खूब मिलता है. इसका सेवन पीलिया, खांसी-जुकाम में फायदा देता है. मोटापे से निजात दिलाने में भी ये फायदेमंद है.

इन परेशानियों से भी दिलाए छुटकारा
ज्यादा जानकारी देते हुए नैनीताल के ज्योलीकोट निवासी किसान कंचन सिंह ने बताया कि सर्दियों में बिच्छू की सब्जी खाई जाती है. इससे शरीर में कई लाभ होते हैं, जैसे- इससे पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं, जोड़ों का दर्द छूमंतर हो जाता है, खाज -खुजली से निजात मिलती है, फोड़े-फुंसी भी इसकी सब्जी खाने से दूर हो जाते हैं. साथ ही फीवर से भी यह छुटकारा दिलाता है.

इस खास में होते हैं ये सभी गुण
साथ ही मान्यता है कि पहाड़ में जब छोटे बच्चों को अपने साथ ले जाया जाता है, तो उनके साथ इस बिच्छू घास को भी रखा जाता है, जिससे छोटे बच्चों पर कोई भी संकट न आए. उनकी सुरक्षा कवच के रूप में यह काम करता है. पहाड़ में लोग इसकी सब्जी खाया करते हैं. यह विटामिन से भरपूर होती है, शरीर में गर्माहट देती है, जिससे सर्दियों के मौसम में ठंड से बचाव होता है.

बिच्छू घास क्या है?
बिच्छू घास पहाड़ों में पाया जाने वाला एक औषधीय पौधा है. इसे कई जहरीली बीमारियों का काट माना जाता है. इसकी साग या सब्जी बनाई जाती है. वहीं अब इससे चाय, सूप और अन्य खाद्य उत्पाद भी बनाए जा रहे हैं. इसे तोड़ने में बेहद सावधानी बरती जाती है, इस पौधे के रोम में फॉर्मिक एसिड पाया जाता है.

समय के साथ बदला तरीका
बिच्छू घास से एक धार्मिक महत्व भी जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि इसकी जड़ों से बनी अंगूठी पहनने से शनि का प्रभाव कम होता है. आज के समय में बिच्छू घास को हर्बल टी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसकी सब्जी और सूप भी बेहद ही स्वादिष्ट और गुणवत्ता से भरपूर होते हैं.

Tags: Haldwani news, Health benefit, Uttarakhand news

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Author: Firenib

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