आयुष मंत्रालय का ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान से बदलाव का प्रयास
नई दिल्ली, 17 सितंबर 2024 – आयुष मंत्रालय ने अपने देशभर में फैले हुए परिषदों और संस्थानों के साथ मिलकर देश भर में स्वच्छता और सफाई के लिए ‘आवास और शहरी कार्य मंत्रालय तथा ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के सहयोग से ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का विषय ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ है, जिसका उद्देश्य व्यवहारिक और सांस्कृतिक बदलाव लाना है। अभियान के शुरुआती चरण में 416 गतिविधियों को चिन्हित किया गया है, जो इस राष्ट्रव्यापी प्रयास के लिए आधार तैयार करेंगे।
आयुष मंत्रालय के माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने कहा, “आज जब हम ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत कर रहे हैं, मुझे गर्व है कि आयुष मंत्रालय स्वच्छ भारत मिशन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और सभी नागरिकों के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य और कल्याण के मूल्यों को दोबारा मजबूत कर रहा है। हमारा अभियान, जिसका विषय ‘स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता’ है, इस विश्वास को दर्शाता है कि स्वच्छता केवल बाहरी व्यवस्था नहीं है, बल्कि यह आंतरिक अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिबिंब है। हम सभी के हाथों से ही एक स्वच्छ भारत के निर्माण का मार्ग निर्मित होना है। चाहे वह उचित कचरा प्रबंधन हो, स्वच्छता अभियान हो, या हमारे घरों और समुदायों में सफाई सुनिश्चित करना हो, प्रत्येक व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अभियान प्रत्येक नागरिक को देश के निर्माण में अपनी सहभागिता दिखाने और अभियान की पूरी यात्रा में साथ रहने के लिए आमंत्रित करता है, ये यात्रा एक स्वच्छ और हरित भारत की ओर अग्रसर है।”
अभियान तीन प्रमुख स्तंभों पर आधारित है, जो जनता की भागीदारी को बढ़ावा देने और सामूहिक कार्यों के माध्यम से सार्थक प्रभाव पैदा करने के लिए निर्मित किए गए हैं। पहला स्तंभ, ‘स्वच्छता में जन भागीदारी’, सार्वजनिक भागीदारी और जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता को सरकार और समाज की एक साझा जिम्मेदारी बनाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मंत्रालय ने 169 गतिविधियों को कार्यान्वयित करने के लिए चिह्नित किया है। स्वच्छ भारत मिशन की सफलता सामूहिक जिम्मेदारी पर आधारित है, जहाँ प्रत्येक नागरिक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मंत्रालय कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय देखभाल के सिद्धांत को और अधिक सशक्त करने का प्रयास कर रहा है।
इसका उद्देश्य को पूरा करने के लिए, जागरूकता गतिविधियाँ पूरे देश में आयोजित की जाएंगी ताकि नागरिकों को साथ जोड़ा जा सके, उनकी समझ को बढ़ाया जा सके और जन मानस को स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाया जा सके। स्थानीय निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, उद्योगों और संघों से इस अभियान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया जा रहा है, ताकि स्वच्छता के प्रति नागरिकों के दृष्टिकोण में स्थायी बदलाव लाया जा सके।
दूसरे महत्वपूर्ण स्तंभ ‘संपूर्ण स्वच्छता’ के तहत, स्वच्छता लक्ष्यित इकाई के रूप में 69 स्थानों का चयन किया गया है, जहाँ आयुष मंत्रालय सफाई अभियान चलाएगा। इसका उद्देश्य उपेक्षित या चुनौतीपूर्ण स्थानों, जिन्हें अक्सर ब्लैक स्पॉट कहा जाता है, को साफ और स्वस्थ स्थानों में बदलना है। ये स्थान नियमित सफाई के दौरान प्रबंधन में कठिन होते हैं और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए बड़े खतरे पैदा करते हैं।
इस अभियान के तहत विशेष रूप से गांवों में स्थानीय निकायों से इन “ब्लैक स्पॉट्स” की पहचान कर मेगा सफाई अभियान चलाने और नागरिकों तथा सहयोगी संगठनों को एकजुट करने का आह्वान किया गया है।
तीसरा महत्वपूर्ण स्तंभ ‘सफाई मित्र सुरक्षा शिविर’ है, जो सफाई कर्मियों, जिन्हें आमतौर पर ‘सफाई मित्र’ कहा जाता है, के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण को प्राथमिकता देता है। उनकी कार्य स्थितियों में सुधार के लिए 178 गतिविधियों की पहचान की गई है। प्रिवेन्टिव हेल्थ केयर के अंतर्गत, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाएगा ताकि सफाई मित्रों और उनके परिवारों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच मिल सके।
इस बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ, आयुष मंत्रालय सभी नागरिकों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान राष्ट्र के स्वच्छता के प्रति संकल्प को और मजबूत करेगा, जिससे स्वच्छता देश की सांस्कृतिक धरोहर का स्थायी हिस्सा बन सके।







