छठ पूजा: भारत में कई इलाकों में छठ पूजा का खास महत्व हैं. छठ पूजा का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता हैं. हर साल छठ पर्व कार्तिक मास की चुतर्थी को शुरू होता है और सप्तमी तक चलता हैं.
बता दे, छठ पर्व कि शुरुआत नहाय खाय से होती हैं. इस साल 28 अक्टूबर को ये पर्व शुरू होगा और इसका समापन 31 अक्टूबर को उगते हुए सूरज को अर्ध्य देकर के किया जाएगा.

प्रत्येक महिला अपनी संतान की लम्बी उम्र और बेहतर स्वास्थ्य के लिए ये व्रत रखती हैं. इस दिन छठ माता की पूजा की जाती हैं. सुबह के समय किसी नदी या तालाब पर नहा धोकर पूजा की जाती हैं. इस दिन नमक वाले भोजन का सेवन नहीं किया जाता हैं.
29 अक्टूबर 2022 नहाय खाय के बाद में अगले दिन पंचमी का खरना होता हैं. पंचमी के दिन उपवास रखा जाता हैं और शाम के समय भोजन किया जाता हैं.
शाम के भोजन में चावल की खीर, रोटी घी की और चावल का पिट्ठा आदि खाया जाता हैं. खीर के खाने के बाद में 36 घंटे तक व्रत रखा जाता हैं.
छठ पूजा: व्रत का तीसरा दिन
छठ पूजा में षष्ठी तिथि का खास महत्व होता हैं. इस दिन घाट पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इस दिन सूर्यास्त का समय 5 भजकर के 37 मिनट पर हैं. इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं नदी और तालाब के किनारे सूर्य को अर्ध्य देती हैं.

छठ पूजा: व्रत का चौथा दिन
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता हैं और इसी के साथ में छठ पूजा का समापन भी हो जाता हैं. इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद में व्रत खोलते हैं. बता दे, इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6:31 मिनट पर हैं.

छठ पूजा: क्या हैं नहाय खाय के नियम
इस दिन पूरे घर कि अच्छे से सफाई करे.
शुद्धता का खास तौर से ध्यान रखे.
इस दिन जो लोग व्रत करते हैं और नदी और तालाब में स्नान करते हैं.
इस दिन एक समय और बिना नमक का भोजन खाया जाता हैं.

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