नवरात्रि की अष्टमी तिथि को ज्यादातर लोग कन्या पूजन करते है अपने नवरात्रि व्रत का पारण करते है। लेकिन इस साल नवरात्रि की अष्टमी को लेकर के काफी ज्यादा कन्फ्यूजन है दरअसल ये सारा कन्फ्यूजन नवरात्रि में एक दिन बढ़ने की वजह से हुआ है। कुछ लोग अष्टमी तिथि 29 को तो कुछ लोग 30 सितम्बर को बता रहे है ऐसे में आइये जान लेते है आखिर महा अष्टमी किस दिन है और इस दिन माँ दुर्गा के कौनसे रूप की पूजा होती है।
कब पड़ रही है अष्टमी
शारदीय नवरात्रि की अष्टमी 30 सितंबर 2025, मंगलवार को है। अष्टमी का प्रारंभ 29 सितंबर की शाम 04:31 बजे होगा और समापन 30 सितंबर की शाम 06:06 बजे होगा।
अष्टमी पर किस देवी की पूजा होती है?
नवरात्रि की अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा की जाती है। कहते हैं इनकी पूजा से व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
अष्टमी पर कन्या पूजन
नवरात्रि की अष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। जो लोग नवरात्रि व्रत का पारण अष्टमी के दिन करते हैं वो कन्या पूजन अष्टमी को ही करते हैं।
अष्टमी के दिन माँ दुर्गा के एकदम श्वेत स्वरूप की पूजा की जाती है इस दिन देवी को वर्षों कठोर तपस्या करने के बाद गौर वर्ण की प्राप्ति हुई थी। देवी ने सफेद रंग के वस्त्र धारण किए हुए है वही माता की सवारी बैल है और माँ की चार भुजाएँ है वही धार्मिक मान्यताओं अनुसार माता महागौरी के अवतरित होने के समय देवी की आयु 8 वर्ष थी।
