राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा क्षेत्र के सुरली कल्याणपुरा गांव में 5 फ़ीट और लगभग 3 फ़ीट लंबा चमगादड़ दिखाई देने से लोगों में दहशत का माहौल छा गया है ऐसे में भीलवाड़ा वन विभाग के डीएफओ गौरव गर्ग ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में ऐसा चमगादड़ पाया जाता है यह इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है।
विशालकाय चमगादड़ को देख ग्रामीणों में दहशत
आपको बता दे, भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से एक लंबा चौड़ा विशालकाय चमगादड़ दिखाई दे रहा है जहां मंगलवार शाम वन विभाग की टीम भी शाहपुरा क्षेत्र की सुरली कल्याणपुरा गांव पहुंची। उस दौरान यह चमगादड़ दिखाई दिया लेकिन बुधवार सुबह वन विभाग की टीम चमगादड़ दिखाई देने वाले स्थान पर वापस पहुंची तो वह चमगादड़ दिखाई नहीं दिया। शाहपुरा क्षेत्र में ऐसा विशालकाय चमगादड़ पहली बार देखा है। लोग डरावनी आंखें , मुंह खोलने पर नुकिले दांत, तीखे कान और पंखों जैसे नुकीले पंजे वाले चमगादड़ को देखकर अपने आप को डरा सा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में भीलवाड़ा वन विभाग के डीएफओ गौरव गर्ग को लोगों को से कहना पड़ा कि इससे डरने की जरूरत नहीं है, यह हिंसक प्राणी नहीं है।
डेढ़ से 2 किलोग्राम है वजन
भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा क्षेत्र में फ़्लाइंग फोक्स यानि चमगादड़ मिला है इस के चमगादड़ भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं।। शाहपुरा क्षेत्र में मिले चमगादड़ का वजन डेढ़ से 2 किलोग्राम के करीब है। यह जब उड़ता है तो इसके दोनों दो दो फ़ीट के पंख खुल जाते है जिससे लोगों को काफी ज्यादा डर सता रहा है। अक्सर चमगादड़ को दिन में दिखता है और रात में ही दिखाई देता है वही रात के समय आकाश में बड़े बड़े फाइटर जैसे फाइटर जेट जैसे राफेल इत्यादि जिस तकनीकी से उड़ते हैं और दुश्मन पर सटीक वार करते हैं उस तकनीकी की प्रेरणा भी चमगादड़ से मिली थी।
चमगादड़ के मुंह से निकलता है चिक
चमगादड़ के मुंह से चिक निकलता है जो अपने आप में देखने में डरावना लगता है लेकिन चमगादड़ का मानव जीवन पर कोई खतरा नहीं है। यह फूलों का रस और फ्रूट खाता है जिससे किसानों को फलो व फूलों की खेती में परागण की प्रक्रिया में सफलता मिलती है। कभी कभार जब चमगादड़ को कोई बीमारी हो जाती है तो वायरस फैलने का जरूर डर रहता है और वायरस एक जगह से दूसरी जगह फैल जाता है। विश्व में चमगादड़ से प्रेरणा लेकर पांडूपियां, रडार सिस्टम , सोनार और मेडिकल में हार्ट के ईको जैसी विभिन्न तकनीकी में भी सफलता मिली है।
