मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीते दिन Himachal Pradesh का आगामी बजट पेश किया। बजट में जलशक्ति में 3365 करोड़ का प्रावधान किया गया है। आपको बता दें प्रदेश सरकार पेयजल की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में काम कर रही है और इसके लिए स्थानीय महिलाओं की भागीदारी से विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी का गठन किया गया है। इसके बाद उन्हें ट्रेनिंग देकर 69 टेस्टिंग लैब की स्थापना की गई है।
आपको बता दें पिछले बजट के दौरान Himachal Pradesh में 37 साइट्स की पहचान की गई थी, जहां जल स्रोतों में कंटेमिनेशन है या होने की संभावना है जिन पर यूवी सिस्टम लगाया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा 29 करोड़ रुपए की लागत से किन्नौर, चंबा और लाहुल-स्पीति में 4 एंटी फ्रीज पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
Himachal Pradesh में इन परियोजनाओं पर चल रहा है काम
एनडीबी के माध्यम से प्रदेश में 24 और एडीबी के माध्यम से 186 पेयजल योजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं, जिनके माध्यम से 20663 परिवार लाभान्वित होंगे। इतना ही नहीं 79282 परिवारों को फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन का लाभा मिलेगा। इसके अलावा इस साल जवाली, हमीरपुर, बैजनाथ-पपरोला एवं नेरचौक में 135 एलपीसीडी क्षमता वाली पेयजल योजनाओं का काम पूरा कर लिया जाएगा।
Himachal Pradesh के अंब और भुंतर में सरकार 33 करोड़ की लागत से पेयजल योजनाओं के कार्यान्वयन को गति प्रदान करेगी और जल्द ही नाहन, अर्की, पालमपुर, निरमंड तथा जोगिंद्रनगर के लिए 112 करोड़ रुपए की लागत पेयजल सुधार योजनाओं का काम शुरू होगा।आपको बता दें रामपुर, नालागढ़ और चंबा में भी पेयजल योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है। मनाली, पालमपुर, करसोग, नाहन तथा बिलासपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और मनाली के लिए पेयजल योजना पर 817 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।