उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वर्ल्ड बैंक के चेयरमैन अजय बंगा के साथ में खास मुलाक़ात की है। वहीं इस मुलाक़ात यूपी सरकार और वर्ल्ड बैंक संयुक्त तौर पर दो पहलों – ‘यूपी-एग्रीस’ और ‘एआई प्रज्ञा को लांच किया है। इन दोनों पहलों का मकसद उत्तर प्रदेश को अधिक उन्नत बनाना है। वहीं वर्ल्ड बैंक की मदद से यह लागू किया जा रहा है। वर्ल्ड बैंक की मदद से यूपी-एग्रीस प्रोजेक्ट के तहत पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक की मदद से खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
10 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा फायदा
इस पहल को लांच करने के बाद में एक आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है इस बयान के अनुसार इस पहल से कृषि उत्पादकता में वृद्धि होने और करीब 10 लाख से अधिक किसानों को फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है वहीं यूपी को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के केंद्र के रूप में स्थापित करने के मकसद से ‘एआई प्रज्ञा’ कार्यक्रम के तहत, राज्यभर में 10 लाख युवाओं को कई तरह की एआई स्किल्स भी दी जा रही है।
किसानों को मिलेगी आर्थिक मदद
सीएम आदित्यनाथ ने लॉन्च समारोह में कहा, ‘उत्तर प्रदेश अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के विकास इंजन के तौर पर पहचाना जाता है, न कि प्रगति में बाधा.’ उन्होंने कहा कि दोनों कार्यक्रम राज्य की एक खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने एग्रीस प्रोजेक्ट में वर्ल्ड बैंक की मदद के लिए आभार जताया है। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे कृषि उत्पादकता में सुधार होगा और किसानों का आर्थिक विकास होगा।
4000 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट
योगी आदित्यनाथ और वर्ल्ड बैंक प्रमुख बंगा के बीच सीएम आवास पर हुई मीटिंग के बाद इन प्रोजेक्ट्स को लॉन्च किया गया। इस बैठक के दौरान आदित्यनाथ ने पर्यावरण संरक्षण, पर्यटन को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे के विकास समेत राज्य के विकास प्रयासों में विश्व बैंक की निरंतर भागीदारी की है वहीं 4,000 करोड़ रुपये के यूपी-एग्रीस प्रोजेक्ट को छह साल की अवधि में विश्व बैंक से 2,737 करोड़ रुपये का कर्ज मिलेगा। जबकि उत्तर प्रदेश सरकार 1,166 करोड़ रुपये का योगदान देगी।
500 किसान जाएंगे विदेश
इस पर पर 1.23 % तक की ब्याज दर है. कार्यक्रम से किसानों, मछुआरों, किसान संगठनों और कृषि से संबंधित एमएसएमई को सीधा फायदा होगा। इसमें 30 प्रतिशत लाभ महिलाओं के लिए आरक्षित है। वहीं इसमें करीब 10,000 महिला उत्पादक समूह शामिल होंगे और 500 किसानों को कृषि में सबसे अच्छे तरीकों अभ्यास सीखने के लिए विदेश भेजा जाएगा।
