सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चली जाती हैं, ताकि पात्र लोगों को इनका लाभ मिले। इसी प्रकार आर्थिक रूप से अक्षम लोगों को घर बनाकर देने के लिए सरकार ने PM Awas Yojana की शुरुआत की है। लेकिन कुछ लोग इस योजना का गलत लाभ उठा रहे हैं सरकार को चूना लगा रहे हैं। आपको बता दें फतेहपुर ब्लॉक की भरमाड़ पंचायत से यह मामला सामने आया है जहाँ प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 25 मकान स्वीकृत हुए, लेकिन इस सूची में मौजूद ज्यादातर परिवार पहले ही योजना का लाभ उठा चुके हैं।
भरमाड़ पंचायत के वार्ड संख्या दस के सदस्य विद्या सागर और अरुण कुमार द्वारा जारी एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए बताया गया कि पहले से योजना का लाभ उठा चुके लोगों को दोबारा सूची में डाल दिया गया है। उन्होंने एक महीने पहले इसकी लिखित शिकायत बीडीओ फतेहपुर से की थी, जिसके बाद बीडीओ कार्यालय से आए कुछ कर्मचारियों ने इसकी जांच की। उन्होंने बताया कि भरमाड़ में बरसात के चलते न तो कोई मकान गिरा न ही बाढ़ आई। जानकारी के मुताबिक पंचायत में केवल 2 मकान गिरने की हालत में थे, जिनमें से एक को सूची में डाला गया और दूसरे को नहीं।
PM Awas Yojana की आड़ में सरकार को चूना
आपको बता दें इस मामले में प्रधान और बीडीओ कार्यालय फतेहपुर के कर्मचारियों के बीच मिलीभगत का आरोप लगा है। जानकारी के मुताबिक प्रधान की माता का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। इतना ही नहीं इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम भी हैं, जिनके पास जमीन तक नहीं है। पंचायत में कोई भी खड्ड नहीं है, लेकिन इसके बावजूद सबसे ज्यादा बाढ़ भरमाड़ में आई है और 25 मकान क्षतिग्रस्त हो गए।
आखिरकार जो मकान क्षतिग्रस्त हुए उनकी तस्वीरें किसने ली और कहां लगाई गई हैं। पंचायत के सदस्यों को भी इस बारे में जानकारी नहीं है। एक तो सरकार पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रधान द्वारा वोट बैंक के लिए अपने चाहने वालों के नाम सूची में डालकर सरकार को चूना लगाया जा रहा है। आपदा के तहत प्रत्येक सदस्य को 1 लाख 60 हजार रुपये दिए जाने हैं, लेकिन भरमाड़ में कोई मकान नहीं गिरा तो ऐसे में सवाल उठता है कि 25 मकानों की स्वीकृति कैसे मिली।
सूची में शामिल ज्यादातर मकान हैं पक्के
जांच करने आए कर्मियों द्वारा सभी घरों का निरीक्षण किया गया है और जल्द ही खंड कार्यालय से इसकी रिपोर्ट आएगी। बीडीओ फतेहपुर सुरेंद्र जेतली ने बताया भरमाड़ पंचायत के लोगों द्वारा शिकायत की गई थी कि इस सूची में मौजूद ज्यादातर मकान पक्के हैं और इसे लेकर जांच चल रही है। वहीं पंचायत प्रधान सुशील कुमार ने कहा कि भारी वर्षा के चलते लोगों के घरों में पानी घुस गया था जिसके कारण वह रहने लायक नहीं रहे।
