आपको बता दें सरकार द्वारा साल 2026 तक Himachal Pradesh को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने की तैयारी की जा रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा इसके लिए विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं और विभाग द्वारा इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार द्वारा ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए भी काम शुरू हो चुका है। बिजली के क्षेत्र में आने हेतु युवाओं को पूंजीगत निवेश की चिंता रहती है।
अगर युवाओं को इस क्षेत्र में पूंजीगत निवेश के लिए आसान ऋण मिले, तो वह सरकार के साथ कदम के कदम मिलकर चलने को तैयार हैं। आपको बता दें राज्य की इकॉनमी में एक बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाया करती थी और Himachal Pradesh बिजली बेच कर अरबो रूपये की कमाई करता था। लेकिन बिजली की घटती मांग के चलते इसमें काफी गिरावट आई है। अगर बजट में सरकार बिजली की ट्रेडिंग हेतु अच्छी योजना लेकर आती है, तो बिजली बेचकर होने वाली कमाई में इजाफा देखने को मिल सकता है।
बिजली बेचकर 1800 करोड़ कमाता है Himachal Pradesh
आपको बता दें Himachal Pradesh की सरकार बिजली बेचकर सालाना 1800 करोड़ रुपये की कमाई करती है। इसी के साथ बिजली प्रोजेक्टों से करोड़ों रूपये की रायल्टी भी मिलती है। जानकारी के लिए बता दें प्रदेश में 27,436 मेगावाट पनविद्युत उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से फ़िलहाल 10,781 मेगावाट पनविद्युत का उत्पादन किया जा रहा है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही सरकार
Himachal Pradesh ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर रही है। आपको बता दें फ़िलहाल 100 किलोवाट से 1 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सरकार 40 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है। इससे सरकार के Himachal Pradesh को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने के सपने को भी बल मिल रहा है। आपको बता दें सरकार इन प्रोजेक्टों से 25 साल तक बिजली खरीदेगी।