छोटे कार, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर FMCG तक होंगे सस्ते; मोदी बोले– आत्मनिर्भर भारत के लिए जरूरी थे नेक्स्ट-जेनरेशन रिफॉर्म्स
नई दिल्ली : GST Council ने बुधवार को परोक्ष कर प्रणाली में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव करते हुए टैक्स स्लैब को सीमित कर दिया है। अब केवल दो दरें लागू होंगी—5% और 18%। ये नई दरें 22 सितंबर (नवरात्रि के पहले दिन) से लागू होंगी। छोटे कार, इलेक्ट्रॉनिक्स, साबुन, दूध उत्पाद और बीमा जैसी सैकड़ों चीज़ें अब सस्ती होंगी।
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुधार भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता को मजबूत करेगा और देश को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाएगा। उन्होंने इसे दिवाली और छठ से पहले जनता के लिए “डबल ब्लास्ट ऑफ हैप्पीनेस” करार दिया।
GST 2.0 पर उद्योग जगत ने भी राहत और उम्मीद दोनों जताई। Mahindra Group के चेयरमैन Anand Mahindra ने कहा कि यह भारत के लिए सही दिशा में उठाया गया कदम है। उनके मुताबिक, “तेज़ और निरंतर सुधार ही खपत और निवेश को बढ़ाने का सबसे पक्का रास्ता हैं।” वहीं, FICCI अध्यक्ष Harsha Vardhan Agarwal ने इसे टैक्स ढांचे को सरल बनाने वाला बताया और कहा कि इससे खपत मांग को बल मिलेगा।
CII Economic Affairs Council के चेयरमैन R Dinesh का कहना है कि डेयरी और घरेलू उत्पादों पर टैक्स घटाने से सीधे तौर पर मिडिल क्लास और उद्योग को राहत मिलेगी। इसी तरह, Flipkart Group के Chief Corporate Affairs Officer Rajneesh Kumar ने कहा कि त्योहारों से पहले यह सुधार बाजार की खपत को कई गुना बढ़ा देगा। NSE के MD & CEO Ashishkumar Chauhan ने इसे ऐतिहासिक सुधार करार देते हुए कहा कि “GST खुद में सबसे बड़ा आर्थिक कदम था और अब उठाए गए कदम उसी नींव को और मजबूत करेंगे।”
विशेषज्ञों ने भी इस सुधार के व्यापक आर्थिक असर को रेखांकित किया। ICRA की चीफ़ इकनॉमिस्ट Aditi Nayar ने बताया कि अगस्त 2025 में GST संग्रह वृद्धि 6.5% रही और आयात पर IGST में गिरावट चौंकाने वाली रही। वहीं, InCred Wealth के CEO Nitin Rao ने कहा कि श्रम-प्रधान उद्योगों को राहत से GDP ग्रोथ में सीधा फायदा होगा। Muthoot Microfin के CEO Sadaf Sayeed का मानना है कि RBI की हालिया 50 bps दर कटौती और GST रिफॉर्म्स मिलकर खपत को नई ऊँचाई देंगे।
इसके साथ ही, Mars Wrigley India के General Manager Ahmed Abdel Wahab ने चॉकलेट्स को 5% टैक्स स्लैब में लाने के फैसले को समयानुकूल करार दिया। वहीं, Hinduja Group of Companies (India) के चेयरमैन Ashok P Hinduja ने कहा कि यह कदम जमीनी स्तर पर मांग को बढ़ाकर भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिरता को मजबूत करेगा।
अंततः, GST 2.0 महज़ टैक्स कटौती नहीं बल्कि एक व्यापक आर्थिक रणनीति है। रोज़मर्रा की चीज़ें सस्ती होने से उपभोक्ताओं की जेब में अतिरिक्त पैसा बचेगा, जिससे खपत बढ़ेगी और उद्योग को नई गति मिलेगी। यह शॉर्ट टर्म में त्योहारी बाजार को रौनक देगा और लॉन्ग टर्म में भारत को एक स्थिर, सरल और निवेश-मैत्रीपूर्ण टैक्स सिस्टम की ओर ले जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के उद्योग जगत ने GST सुधार को ऐतिहासिक कदम बताया है। Jai Bharat Steel Group के डायरेक्टर सुरेंद्र जैन ने कहा कि रैशनलाइजेशन से छोटे और मंझोले उद्योगों को सीधी राहत मिलेगी। उनके अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट में फंसी पूंजी अब तेजी से घूमेगी, जिससे स्टील और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की लागत कम होगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
चेंबर ऑफ कॉमर्स काला अंब के चेयरमैन उमेश गर्ग ने भी इसे उद्योग जगत के लिए बड़ी राहत बताया। उन्होंने कहा कि कारोबारी लंबे समय से इनपुट टैक्स क्रेडिट अटकने से परेशान थे, लेकिन अब नकदी प्रवाह सुधरेगा, जिससे MSME सेक्टर को समय पर ऑर्डर पूरे करने और कारोबार विस्तार में मदद मिलेगी।
वहीं, लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष संजय सिंगला ने कहा कि यह केवल टैक्स स्ट्रक्चर बदलने भर का कदम नहीं है, बल्कि छोटे उद्योगों के लिए जीवनरेखा साबित होगा। उनके अनुसार MSME सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और GST का यह सरलीकरण उद्यमियों को बड़े उद्योगों से प्रतिस्पर्धा करने का अवसर देगा।
Pharma Association के प्रेसीडेंट केशव सैनी ने फार्मा सेक्टर को बड़ा फायदा मिलने की बात कही। उन्होंने कहा कि GST रैशनलाइजेशन से कंपनियों का कैश साइकिल सुधरेगा और शोध व नवाचार (R&D) में निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी। उनके अनुसार यह सुधार हिमाचल की दवा कंपनियों की ग्लोबल मार्केट में पकड़ को और मजबूत करेगा।
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