हाल ही में हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा ने सैलानियों के कदम रोक दिए है। सैलानी हिमाचल में लगातार हो रही आपदाओं से सहम से गए है। इससे राजधानी शिमला के पर्यटन कारोबियों पर मंदी की मार झेलनी पड़ रही है।
वीकेंड सड़कों पर नजर आई खाली
शिमला का मालरोड़ व रिज मैदान जो वीकेंड पर पर्यटकों से गुलजार रहता था वह खाली दिखाई दिया। वही इसी तरह शिमला का सर्कुलर रोड़ पर शनिवार के दिन बाहरी राज्यों की गाड़ियों से भरा रहता था वहां भी लगातार जाम की स्थिति बनी हुई है। लेकिन आज सड़कें खाली नजर आईं। ऐसी ही स्थिति शिमला की पार्किंगों की भी थी लेकिन केवल शिमवालावासियों के ही वाहन पार्किंग में थे। वही बाहरी राज्यों की गाड़ियां नदारद थीं।
होटलों में 30 से 40 फीसद तक ऑक्यूपेंसी
इन दिनों बारिश की वजह से शिमला में ऑफ सीजन चल रहा है लेकिन फिर भी इन होटलों में 30 से 40 फीसद तक ऑक्यूपेंसी रहती है। लेकिन प्राकृतिक आपदा के चलते इस वीकेंड ऑक्यूपेंसी घटकर 10 फीसदी तक रह गयी है। जिन लोगों ने ऑनलाइन होटलों में बुकिंग करवाई थी वह केंसिल कर दी गयी है जिससे पर्यटन कारोबारियों का नुक्सान झेलना पड़ रहा है वही बारिश के मौसम में सैलानियों की अच्छी खासी आमदनी हो जाती है लेकिन इस बार आमदनी घटकर बेहद कम हो गयी है।
हिमाचल प्रदेश में बीते साल भी प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार काफी ज्यादा प्रभावित रहा है। उस समय कारोबारियों को करोड़ों का घाटा सहन करना पड़ रहा है वही पिछले साल शिमला में आपदा के चलते हुई तबाही के डर से सैलानी पर्यटन नगरी आने से भी कतरा रहे हैं। वीकेंड पर बहुत कम ही कमरों की बुकिंग हो रही है। हालांकि पर्यटन कारोबारियों को 15 अगस्त की छुट्टियों के दौरान तीन-चार दिन के लिए अच्छे कारोबार की उम्मीद है।
पर्यटन से जुड़ा हर वर्ग प्रभावित
पर्यटन वर्ग से जुड़ा हर एक व्यक्ति मंदी की मार झेल रहा है इससे होटल, ढाबा, घोड़ा पालक, प्रैम चलाने वाले, टैक्सी चालक सभी लोग काफी ज्यादा प्रभावित हो रहे है। यहाँ बिलासपुर के रहने वाले भगत सिंह ने बताया कि हमारी रोजी-रोटी इसी व्यवसाय इसी से चलता है लेकिन सैलानी नहीं आएँगे तो दो रोटी और परिवार का गुजारा करना काफी मुश्किल हो जाएगा। हिमाचल में आई आपदा की वजह से शिमला में नाममात्र में लोग पहुंचे है।