भारत में FY25 में Stainless Steel Consumption में 8% की तेजी
मुंबई, 4 जून 2025: भारतीय स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (ISSDA) ने FY25 में भारत में stainless steel consumption के आंकड़े जारी किए हैं। एसोसिएशन के अनुसार, FY25 में स्टेनलेस स्टील की खपत लगभग 4.85 मिलियन टन (अंदाजन) रही, जो FY24 की तुलना में लगभग 8% की बढ़ोतरी दर्शाती है। ग्लोबल स्टेनलेस स्टील एक्सपो के दौरान ISSDA ने बताया कि भारत का Indian stainless steel industry वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजारों में से एक है।
ISSDA के अध्यक्ष राजामणी कृष्णमूर्ति ने कहा, “जैसे-जैसे दुनिया स्थिरता और मजबूत आधारभूत संरचनाओं की ओर बढ़ रही है, स्टेनलेस स्टील की मांग बढ़ रही है। लेकिन चीन और वियतनाम से आने वाले सस्ते आयात घरेलू उत्पादकों के लिए चुनौती बने हुए हैं। ISSDA सरकार और उद्योग को सतर्क रहने और उचित सुरक्षा उपाय लागू करने का आग्रह करता है।”
उत्पादन क्षमता और मांग: Indian Stainless Steel Industry की संभावनाएं
भारत में स्टेनलेस स्टील उत्पादन क्षमता 7.5 मिलियन टन है, जिसमें लगभग 60% का उपयोग हो रहा है, जो क्षमता बढ़ाने की अच्छी संभावना दर्शाता है।
जिंदल स्टेनलेस के चेयरमैन रतन जिंदल ने कहा, “अगर भारत वैश्विक विनिर्माण में आगे बढ़ना चाहता है तो Indian stainless steel industry को मजबूत बनाना होगा। हमें अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने, तकनीकी निवेश करने और सरकार के साथ मिलकर MSMEs के लिए उचित नीतियां बनाने की जरूरत है।”
FY25 में स्टेनलेस स्टील की बढ़ती मांग में सरकार की कई पहलों का बड़ा योगदान रहा है। मेक इन इंडिया के समर्थन, बढ़ते कोस्टल और मरीन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, इलेक्ट्रिक वाहनों में स्टेनलेस स्टील का बढ़ता उपयोग, और नए सेक्टर्स जैसे हाइड्रोजन और न्यूक्लियर एनर्जी के कारण स्टेनलेस स्टील की मांग में तेजी आई है।
ISSDA का अनुमान है कि भारत की stainless steel consumption 2040 तक 12.5-12.7 मिलियन टन और 2047 तक 19-20 मिलियन टन तक पहुंच जाएगी, जो ग्रीन एनर्जी, डिफेंस, एरोस्पेस जैसे क्षेत्रों में उपयोग से संभव होगा।
SSDA के बारे में: ISSDA 1989 में स्थापित भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग का शीर्ष संगठन है। यह उद्योग के हितों की रक्षा करता है, स्टेनलेस स्टील के उपयोग को बढ़ावा देता है और रिसर्च एवं नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें: https://www.stainlessindia.org/







