राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) के जवान और गृह रक्षक को हिमाचल की नदियों और नालों के समीप आने से रोकने के लिए तैनात किए गए है। कुल्लू में ब्यास नदी समेत प्रदेश में 26 ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां पर पर्यटक रोमांच के लिए चले आते हैं।
SDRF की पुलिस महानिदेशक से हुई बैठक
इस बात को लेकर के SDRF के पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन की पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा से बैठक की गयी है ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि दूसरे राज्यों से हिमाचल में घूमने के लिए आने वाले पर्यटक बहता पानी देखकर उसके नजदीक चले जाते हैं और जीवन को संकट में डालते हैं। कुछ साल पहले औट में हैदराबाद से आए इंजीनियरिंग के छात्रों के दल में से 23 लोगो के बहने के कारण मृत्यु हो गई थी। उस समय प्रदेश सरकार ने जिला उपायुक्तों को निर्देश जारी किए थे कि नदियों व खतरनाक नालों के किनारे सूचना पट्ट लगाएं जाएं ताकि लोग पानी के समीप आने से बचे।
लापरवाही की वजह से होता है नुकसान
हर साल पर्यटक नदी-नालों के बीच में जाने का प्रयास करते हैं। पानी के तेज बहाव के कारण भयावह घटनाओं की चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो जाती है। हर वर्ष बच्चे, युवा, महिलाएं बहते पानी में सेल्फी लेने के चक्कर में जीवन जोखिम में डालते हैं। इस तरह की घटनाएं कुल्लू घाटी में ब्यास नदी के किनारे देखने को मिली है। इसके अतिरिक्त पौंग डैम, बिलासपुर के गोविंद सागर और छोटे नदी-नालों में भी लोग पानी में उतरते रहे हैं।
SDRF की तरफ से लिया गया बड़ा फैसला
पर्यटकों व स्थानीय लोगों को नदी-नालों के समीप जाने से रोकने के लिए पहली बार SDRF और गृह रक्षक जोखिम भरे इलाको में तैनात किए जाएंगे। कुछ चिह्नित किए स्थलों में दो जवान ड्यूटी देंगे। देखने में आया है कि दूसरे राज्यों के लोग पानी को देखकर रोमांचित हो जाते हैं और इसके खतरे से बेखबर रहते हैं। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। -अर्जित सेन, अधीक्षक राज्य आपदा मोचन बल पुलिस मुख्यालय।