अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से शुक्रवार को मुलाकात की थी। इस मीटिंग के एक दिन बाद, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का एक चौका देना वाला बयान सामने आया है उन्होंने साफ कह दिया है कि पाकिस्तान का रणनीतिक भविष्य अमेरिका के साथ नहीं, बल्कि चीन के साथ जुड़ा है। उनका यह बयान तब आया है जब पाकिस्तान पूरी तरह से अमेरिका के सामने नतमस्तक है। आर्मी चीफ खुद तीसरी बार अमेरिका पहुंचे है।
इतना ही नहीं ख्वाजा आसिफ ने एक ऐसा बयान भी दिया जो सीधे तौर पर आर्मी चीफ को चैलेंज देने वाला है। उन्होंने कह दिया कि पाकिस्तान में रक्षा मंत्री की पावर सेना प्रमुख से ज्यादा होती है। हालांकि हर कोई जानता है कि यह सिर्फ कहने की बात है और असली पावर सिर्फ आर्मी चीफ के पास है। ब्रिटिश-अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन को दिए एक इंटरव्यू में आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के रिश्ते ‘टाइम-टेस्टेड’ हैं और बीते सात दशकों से दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग की गहरी नींव रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चीन को पाकिस्तान के अमेरिका के साथ संबंधों से कोई चिंता नहीं है।
अमेरिका भरोसेमंद नहीं’
आसिफ का कहना है कि पाकिस्तान की वायुसेना पनडुब्बियां और अधिकांश हथियार चीन से आते है इसमें स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के आकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 4 सालो में पाकिस्तान ने लगभग 80 % हथियार चीन से लिए है उनका कहना है कि अमेरिका जैसे अन्य स्रोत भरोसेमंद नहीं हैं, जबकि चीन भरोसेमंद और पड़ोसी है.’ आसिफ का कहना है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध हमेशा लेन देन जैसे ही रहे है जबकि चीन को पाकिस्तान ने हमेशा शीर्ष सहयोगी माना है और भविष्य में भी यह रिश्ता और मजबूत होगा।







