इन दिनों नवरात्रि चल रही है इस दौरान माँ दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है वही नवमी को हवन कराकर कन्या पूजन किया जाता है। इस बार नवमी तिथि एक अक्टूबर 2025 को है।धार्मिक मान्यता के मुताबिक नवमी की दिन पूजा करने से जीवन की सभी समस्या पूर्ण हो जाती है। हवन से पहले माता रानी की पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जान लते है नवमी हवन का मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र के बारे में जान लेते है।
नवमी हवन मुहूर्त 2025
नवमी हवन का मुहूर्त 1 अक्टूबर 2025 की सुबह 06:14 से शाम 06:07 बजे तक रहेगा। आप इस बीच कभी भी हवन पूजन कर सकते हैं। अमूमन नवरात्रि की नवमी पर हवन सुबह के समय किया जाता है।
नवमी हवन मंत्र
नवरात्रि की नवमी पर अधिकांश भक्त, दुर्गा सप्तशती के 700 श्लोकों का उच्चारण करते हुये नवमी होम सम्पन्न करते हैं और प्रत्येक श्लोक को पढ़ते हुए अग्नि में आहुति प्रदान करते हैं। कहते हैं हवन में कम से कम 108 आहुति जरूर देनी चाहिए।
नवमी हवन विधि
जहां हवन करना चाहते हैं उस स्थान को अच्छे से स्वच्छ करे इसके बाद फिर पूजा स्थान पर हवन कुंड और सभी पूजा सामग्री व्यवस्थित करें।
इसके बाद हाथ में जल, फूल और चावल लेकर माता रानी के सामने हवन का संकल्प लें। देवी दुर्गा के नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ या दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से आहुति दें। या फिर ऊपर दिए हए मंत्रों से 108 बार आहुति दें। सभी देवी-देवताओं, नवग्रहों और अंत में मां दुर्गा को हवन सामग्री की आहुति समर्पित करें। इसके साथ हवन के आखिर में एक नारियल लें और उसे ऊपर से थोड़ा सा कांट लें। फिर उस पर कलावा लपेटें और उसमें सुपारी, सिक्का और अन्य सामग्री भर लें। फिर उसे घी में डुबोकर, मंत्रों के साथ अग्नि को समर्पित करें। यह प्रक्रिया पूर्णाहुति कहलाती है। इसके बाद में हवन करने के बाद परिवार सहित मां दुर्गा की आरती करें और पूजा में हुई किसी भी प्रकार की भूल के लिए क्षमा मांगे। इसके बाद कन्या पूजन करें और बाद में अपना व्रत खोल लें।
