Amrit Bharat Station scheme: भारत में 24,470 करोड़ की लागत से 508 स्टेशनों की तस्वीर बदलेगी। 6 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृत भारत स्टेशन योजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि “विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत अपने अमृत काल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा, प्ररेणा, संकल्प है। भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरूआत हो रही है।” ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होगा कि आखिरकार ये अमृत भारत योजना क्या है। तो चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब।
अमृत भारत स्टेशन योजना क्या है?
पीएम मोदी ने अपने भाषण में बताया कि भारत के करीब 1300 प्रमुख रेलवे स्टेशन अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के तौर पर विकसित किए जाएंगे और उनका पुनर्विकास आधुनिकता के साथ होगा। उन्होंने कहा कि इससे देश के सभी राज्यों को लाभ मिलेगा। उत्तर प्रदेश में करीब 4500 करोड़ रुपये के खर्च से 55 अमृत स्टेशन विकसित किए जाएंगे। राजस्थान के भी 55 रेलवे स्टेशन अमृत रेलवे स्टेशन बनेंगे। उन्होंने रेल मंत्रालय की सराहना करते हुए देशवासियों को बधाई दी।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे में जितना काम हुआ है, वह हर किसी को प्रसन्न और हैरान करता है। दुनिया में दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे अधिक रेल ट्रैक हमारे देश में इन 9 वर्षों में बिछाए गए हैं। साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में कुल जितना रेल ट्रैक है, उससे अधिक रेल ट्रैक भारत में अकेले पिछले साल बनाए हैं।
508 स्टेशनों का होगा नवीनीकरण
आपकों बता दें, इस योजना के अंतर्गत एक साथ देशभर के 508 स्टेशनों के नवीनीकरण पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें क्षेत्र के केंद्रीय मंत्री, सांसद और विधायक की मौजूदगी रहेगी। रेलवे अधिकारी केंद्र सरकार के नए भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्धता को दोहराएंगे। इन स्टेशनों पर इस भव्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। जिस तरह से लोग प्रधानमंत्री के मन की बात सुनते हैं, उसी तरह से स्टेशन पर बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाकर रेलवे की पूरी योजना से लोग अवगत होंगे।
बिछाई जायेंगी नई रेलवे लाइनें
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक शोभन चौधरी के अनुसार, भारत का रेल नेटवर्क विश्व के सबसे बड़े और व्यस्ततम रेलवे नेटवर्क्स में से एक है। ये देश के हजारों शहरों और नगरों को परस्पर जोड़ते हुए लाखों लोगों को यातायात का एक महत्वपूर्ण साधन उपलब्ध कराता है। पिछले नौ वर्षों से भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। इसके अंतर्गत आधारभूत ढांचे, तकनीक और यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत रेलवे स्टेशनों की पुनर्सज्जा, नई रेलवे लाइनें बिछाने, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण और यात्रियों एवं परिसंपत्तियों की संरक्षा को बढ़ाने जैसी व्यापक गतिविधियां शामिल हैं।
कुल लागत होगी 24,470 करोड़ रुपये
इस योजना के मुख्य उद्देश्य होंगे, स्टेशनों का सिटी सेंटरों के रूप में विकसित करना, शहर के दोनों छोरों का एकीकरण करना, स्टेशन भवनों का सुधार व पुनर्विकास, आधुनिक यात्री सुविधाओं का प्रावधान, बेहतर यातायात व्यवस्था और इंटरमोडल इंटीग्रेशन, मार्गदर्शन के लिए एक-समान और सहायक सूचक चिन्ह, मास्टर प्लान में उचित संपत्ति विकास का प्रावधान, लैंडस्केपिंग, स्थानीय कला और संस्कृति को उजागर करना।
इन राज्यों के स्टेशन रहेंगे शामिल
कुल लागत होगी 24,470 करोड़ रुपये। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान के मुताबिक इस पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ रुपये होगी और इससे यातारियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान होंगी। प्रधानमंत्री जिन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात और तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 और कर्नाटक के 13 स्टेशन शामिल हैं।
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