शारदीय नवरात्रि का आज तीसरा दिन 24 सितम्बर बुधवार को है। आज के दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा करना का विधान है आज बुधवार के दिन सूर्य कन्या राशि में और चन्द्रमा तुला राशि में है वही ब्रह्म मुहूर्त 04:35 AM से 05:23 AM तक रहने वाला है वही पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा की पूजा का करते हैं। वही माँ चन्द्रघंटा माँ दुर्गा का ही स्वरूप है जनहोने असुरो का सर्वनाश किया था।
मां चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत भव्य और अलौकिक है। उनके मस्तक पर अर्द्धचंद्र सुशोभित है। यही वजह है की उनका नाम चंद्रघंटा है माँ चंद्रघंटा की पूजा करने वाले को जीवन में सुख शांति और सफलता की प्राप्ति होती है वही जीवन में नई ऊर्जा का संचार भी होता है। माँ चंद्रघंटा की पूजा के दौरान लाल और पीले फूल चढ़ाने चाहिए। वही सबसे पहले माँ चंद्रघंटा का श्रृंगार करें। उनको लाल लाल चुनरी, सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प फूल, चंदन, रोली आदि अर्पित करे और फिर फल, मिठाई, खीर, हलवा आदि का भोग लगाएं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और उनकी आरती करें।
माँ चंद्रघंटा शत्रुओं का नाश करने वाली है वही देवी पार्वती ने असुरो के संहार के लिए यह रौद्र रूप धारण किया था। लेकिन मां चंद्रघंटा करुणा, दया और ममतामयी भी हैं। जो लोग प्रेम और भक्ति से मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं, उनकी झोली खुशियों से भर जाती है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है वही कठिन से कठिन कार्य में सफलता की प्राप्ति होती है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। दांपत्य जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। माँ चंद्रघंटा अपने भक्तों को यश, कीर्ति और मोक्ष भी प्रदान करती हैं। जो लोग अभी तक अविवाहित है उनका रिश्ता तय हो जाता है ऐसे लोगो को माँ चंद्रघंटा की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए।
