बिहार विधानसभा चुनाव के लिए तारीख का ऐलान किया जा चुका है वही राज्य सरकार में सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन में सीटें अभी तक फ़ाइनल नहीं हो पाई है। ऐसे में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी लिबरेशन ने बिहार विधानसभा चुनाव में ‘महागठबंधन’ के घटक के तौर पर 19 सीटों पर चुनाव लड़ने की पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है वही यह सम्मानजनक प्रस्ताव नहीं है।
पिछली बार से ज्यादा सीटों की मांग
वामपंथी दल से जुड़े मामले में बताया गया कि लिबरेशन ने वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था, इस बार उसे उतनी ही सीटों की पेशकश की गई थी। उनका कहना है, ‘‘इनमें से हमारी कम से कम तीन सीटें बदल दी गईं।’’ पिछले विधानसभा चुनाव में वह 19 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 12 सीटें जीती थी।
30 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखेगी पार्टी
वामपंथी दल ने लड़ने के लिए लगभग 40 सीटें मांगी थीं। पार्टी से संबंधित एक सूत्र ने कहा, ‘‘भाकपा (माले) लिबरेशन ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया क्योंकि यह सम्मानजनक प्रस्ताव नहीं था, और हम लगभग 30 सीटों पर लड़ने के लिए एक नया प्रस्ताव रखने जा रहे हैं।’’ भाकपा (माले) ने यह भी तर्क दिया है कि पार्टी ने ‘महागठबंधन’ को न केवल उन सीटों पर मदद की जिन पर उन्होंने चुनाव लड़ा था, बल्कि आसपास के इलाकों में वोट भी हासिल किए।
बिहार में दो फेज में होगी वोटिंग
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आगामी छह नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा तथा मतगणना 14 नवंबर होगी। वही मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने दोनों निर्वाचन आयुक्तों सुखबीर सिंह संधू और विवेक जोशी के साथ मंगलवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की । मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पहले चरण में 121 और दूसरे चरण में 122 सीट के लिए मतदान होगा। बिहार में विधानसभा की कुल 243 सीट हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी बताया कि पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना 10 अक्टूम्बर को जारी की जाएगी वही नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर को होगी, 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 20 अक्टूबर तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के लिए अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी होगी, नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर को होगी, 21 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 23 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
