प्रदेश में लगातार बारिश का कहर जारी है और बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित पौंग बांध का जलस्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ब्यास नदी के कैचमेंट एरिया में चल रही भारी बारिश के चलते गुरुवार को बांध का जलस्तर 1,394.51 फीट जा पंहुचा। आपकी जानकारी के लिए बता दें बांध में खतरे का निशान 1,390 फीट पर है और लगातार पांच दिन से जलस्तर खतरे के निशान से साढ़े चार फीट ऊपर बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह पौंग बांध का औसत जल प्रवाह 1,32,595 क्यूसेक, जबकि वास्तविक जल प्रवाह 1,07,301 क्यूसेक रहा। बढ़ते जलस्तर पर नियंत्रित पाने के लिए स्पिलवे के माध्यम से 74,179 क्यूसेक और टरबाइनों के माध्यम से 16,988 क्यूसेक को मिलाकर कुल 99,769 क्यूसेक पानी नीचे की तरफ छोड़ा गया है।
अगर इसी तरह बढ़ा जलस्तर तो बाढ़ का बन सकता है खतरा
अगर बारिश का सिलसिला इसी प्रकार जारी रहा और जलस्तर और बढ़ा, तो बांध से पानी छोड़ने से कांगड़ा, हमीरपुर और पंजाब के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते कांगड़ा ज़िले के इंदौरा और फतेहपुर उप-मंडलों के निचले इलाकों में पानी भरने की खबर सामने आ रही है। इसके चलते करीब 621 हेक्टेयर से अधिक धान और मक्की आदि फसलों का नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग का अनुमान है कि कुल 128.80 लाख रुपए के नुकसान हुआ है। मक्की की 218.24 हेक्टेयर फसल बर्बाद होने से 24.56 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। इसके अलावा धान की फ़सल को सबसे अधिक नुकसान पंहुचा है। कुल 382.80 हेक्टेयर ज़मीन के जलमग्न होने से 95.70 लाख रूपये का नुकसान होने का अनुमान है। उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा के मुताबिक नुकसान का आंकलन कर राज्य सरकार को राहत उपायों के लिए विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी। बाढ़ के कारण इंदौरा उपमंडल के मंड इलाके में कई गाँवों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है।
