लहसुन खाने में स्वाद बढ़ाने का काम करता है। लहसुन इंडिया में किचन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है इसकी खुशबू और टेस्ट दोनों ही डिश में जान फूंक देते है। वही पिछले कुछ सालों से भारतीय मंडी में चाइनीज लहसुन की भी खूब बिक्री हो रही है। वही लहसुन खुशबू के साथ में अपने सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है। लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक चाइनीज लहसुन बीमारियों का प्रमुख केंद्र बिंदु होता है। इसका सेवन करने से आप गंभीर बीमारी हो सकती है तो आइए जान लेते है इसके के बारे में जान लेते है।
भारत में बैन फिर भी हो रही बिक्री?
देश में हर साल 2014 में चाइनीज लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बावजूद भी इंडिया के मार्केट इसकी काफी ज्यादा बिक्री हो रही है वही इसककी भारी मांग है। यह लहसुन उत्तर भारत में इसकी धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। इस लहसुन का इस्तेमाल घर के व्यंजनों के साथ साथ होटलों के खाने में भी हो रहा है।
चाइनीज लहसुन क्यों है सेहत के लिए हानिकारक
चाइनीज लहसुन में क्लोरीन और मिथाइल ब्रोमाइड जैसे कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। दरअसल, इस लहसुन में नेचुररल काले रंग के धब्बे दिखाई देते है जिन पर आमतौर पर इस पर जमी गंदगी समझकर खा जाते है। वही चाइनीज लहसुन को साफ़ सुथरा और आकर्षक बनाने के लिए इसे क्लोरीन से धोया जाता है। वही क्लोरीन के संपर्क में आने से ही ये लहसुन हानिकारक बन जाते हैं। इन लहसुनों को खाने से सांस से जुड़ी समस्याएं होती हैं। जैसे :- सांसनली में जलन, घरघराहट, सांस फूलना और गंभीर खांसी। इन लहसुनों में मिथाइल ब्रोमाइड होता है जो कि किडनी को डैमेज करता है। इसके अलावा कई अन्य गंभीर समस्याएं भी हो सकती है, जैसे :- देखने में समस्याएं होना, पर्सनालिटी डिसऑर्डर, मेंटल हेल्थ इत्यादि।
इंडियन और चाइनीज लहसुन में अंतर
चाइनीज लहसुन, भारतीय लहसुन का साइज़ बड़ा होता है।
चाइनीज लहसुन की कलियाँ काफी मोटी होती है।
चाइनीज चाइनीज लहसुन , भारतीय लहसुन के साइज से बड़े होते हैं।
चाइनीज लहसुन की कलियां मोटी होती हैं।
चाइनीज लहसुन को केमिकल से सफेद और चमकदार बनाया जाता है।
चाइनीज लहसुन में देसी लहसुन के बजाय स्मेल कम होती है।
चाइनीज लहसुन का छिलका आसानी से निकल जाता है।
