आज शारदीय नवरात्रि की चतुर्थी तिथि और पांचवा दिन है आज सुबह से माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप यानि की माँ कूष्मांडा की पूजा करने का खास दिन है आज रवि, योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और विशाखा नक्षत्र योग है ऐसे में 06:11 AM से 09:32 AM तक भद्रा है और इसके बाद में चतुर्थी तिथि है। इस बार कुछ पंचांग में तृतीया तिथि दो दिन है तो कुछ पंचांग में चतुर्थी तिथि दो दिन है ऐसे में आज नवरात्रि के पांचवे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा जा रही है माँ कूष्मांडा 8 भुजाओं वाली देवी हैं, जिनका वाहन शेर है। इन्हे अद्भुत शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है इनकी अध्भुत शक्तियों की वजह से इनका नाम माँ कूष्मांडा पड़ा। माँ कूष्मांडा की पूजा करने से रोग, दोष, दुख आदि का नाश होता है। यह यश और कीर्ति मिलती है।
माँ कूष्मांडा की पूजा करने का विशेष समय
आज सुबह में 06 बजकर 11 मिनट से भद्रा लगी है, जिसका समापन सुबह 09 बजकर 32 मिनट पर होगा। यह भद्रा पाताल लोक में लगी है, इसका दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होता है, फिर भी इस समय में कोई शुर्भ कार्य नहीं करना चाहिए। आज का राहुकाल सुबह 10 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रहा है, जिसका समापन दोपहर में 12 बजकर 12 मिनट पर होगा। ऐसे में शुभ कार्य में राहुकाल को वर्जित रखा जाता है। हालांकि जिन लोगों पर कालसर्प दोष लगा हो, उनको राहुकाल में शिव जी की पूजा करनी चाहिए। कालसर्प दोष से निवारण के उपाय राहुकाल में करते हैं। आज का दिशाशूल पश्चिम दिशा में है। पंचांग के अनुसार, आज पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि बहुत जरूरी है तो शास्त्र अनुसार बताए गए उपायों को करके इस दिशा में जाना चाहिए।
माँ कुष्मांडा की पूजा का समापन आरती से किया जाता है और उनको प्रिय भोग अर्पित किया जाता है उसके बाद में घी के दीपक से एआरटी की जाती है यदि आपके पास में गाय का शुद्ध घी है तो आप शुद्ध घी या सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते है।
मां कूष्मांडा की पूजा करने से होते हैं ये 4 विशेष फायदे
जो लोग मां कूष्मांडा की पूजा करते हैं, उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। दैवीय कृपा से उनकी आयु में वृद्धि होती है।
जिन लोगों पर मां कूष्मांडा की कृपा होती है, वे गंभीर बीमारियों से भी बच जाते हैं। उनको उत्तम सेहत का वरदान मिलता है।
देवी के आशीर्वाद से व्यक्ति के पद, प्रतिष्ठा, यश और कीर्ति में बढ़ोत्तरी होती है.
यदि आपके जीवन में कोई समस्या चल रही है या आप किसी बड़े संकट में फंसे हैं तो मां कूष्मांडा की पूजा करें। आपके संकट शीघ्र दूर होते है।
