इन दिनों कमर दर्द हर व्यक्ति की आम समस्या बन गया है इससे लगभग हर दूसरा व्यक्ति काफी ज्यादा परेशान दिख रहा है कमर दर्द के पीछे कई वजह हो सकती है जैसे चोट लगना, किसी पुरानी बीमारी का फिर से बढ़ना, घंटों एक जगह बैठकर काम करना या फिर गलत पोस्चर में बैठना या सोना। कमर दर्द होने पर सिकाई करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सिकाई से दर्द में काफी राहत मिलती है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में ये सवला रहता है कि कमर दर्द में ठंडे पानी से सिकाई करनी चाहिए या फिर गर्म पानी से। क्योंकि कई बार लोग बिना जानकारी के सिकाई कर लेते है जिससे फायदे के जगह नुक्सान झेलना पड़ता है। ऐसे में आइए जान लेते है कमर दर्द को खत्म करने के लिए आपको गर्म या ठंडा किस्से सिकाई करनी चाहिए।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सिकाई दर्द के कारण, अवस्था और उसके प्रकार पर निर्भर करता है। जैसे एक्यूट पेन यानी अचानक दर्द या हाल ही में हुआ दर्द। दूसरा क्रॉनिक पेन (दर्द लंबे समय से है/ अकड़न की वजह से दर्द हो रहा है)।
एक्यूट पेन
एक्यूट पेन मांसपेशियों में खिंचाव, अचानक झटका या गिरना, चोट या सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन की वजह से होता है। इसमें कमर में काफी तेज दर्द होता है। इस दर्द में थोड़ी देर भी बैठ पाना काफी मुश्किल होता है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि एक्यूट पेन में गर्म पानी की सिकाई करनी चाहिए या फिर ठंडे पानी की सिकाई। एक्यूट पेन में पहले 24-48 घंटे के दौरान ठंडे पानी/आइस पैक की सिकाई करनी चाहिए क्योंकि ठंडा पानी/बर्फ सूजन और जलन को कम करने में सहायक है। ठंडे पानी की सिकाई करने से ब्लड फ्लो कम होता है जिससे सूजन कम होने लगती है।
क्रोनिक पेन/पुराना दर्द
लगातार कमर दर्द, स्पोंडिलाइटिस या मांसपेशियों में जकड़न, ठंड के मौसम में दर्द बढ़ना क्रोनिक पेन कहा जाता है। इस तरह के कमर दर्द में गर्म पानी की सिकाई की जानी चाहिए। क्योंकि गर्मी की वजह से ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। अगर दर्द के साथ सूजन, बुखार, सुन्नपन या पैरों में कमज़ोरी भी महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
ठंडा पानी या गर्म पानी?
ठंडी सिकाई दर्द कंट्रोल करने के लिए और गर्म सिकाई उपचार के लिए की जाती है। ऐसे में जिस तरह का दर्द हो आप उस तरह से ठंडे और गर्म की सिकाई कर सकते हैं। अगर दर्द बहुत ज्यादा हो तो बिना डॉक्टर की सलाह के उपाय न करें।
