जैसा कि आप जानते हैं इस समय देश में मानसून ने तबाही मचा रखी है और अधिकतर क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। लगातार हो रही बारिश के चलते उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है और इसके चलते आस-पास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने के साथ-साथलगा कई गांवों का ज़िले के मुख्य मार्गों से संपर्क भी टूट गया है। इस परिस्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा नाव संचालन पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।
पिछले कुछ समय से हरियाणा और उत्तराखंड में हो भारी बारिश होने के चलते यमुना के जलप्रवाह में काफी तेज़ी से वृद्धि देखने को मिली है। हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है जिसके चलते मथुरा में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच गया है। आपको बता दें यमुना में खतरे का निशान 207 मीटर के आसपास है जबकि बुधवार रात तक नदी का जलस्तर 207.50 मीटर को पार कर गया।
यमुना में उफान से कई गांवों का टूटा संपर्क
नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए हैं जिसके चलते जिले के कई निचले इलाकों में पानी भर चुका गया है। इसके कारण दर्जनों गांवों का सड़कों से संपर्क टूट गया है। खासकर गोवर्धन, मांट और बल्देव क्षेत्र के कुछ गाँवों में पूरी तरह पानी भर चुका है। प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन द्वारा यमुना में नावों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। तेज बहाव और उफनती नदी में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो इसलिए यह निर्णय लिया गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीमों को तैनात कर दिया गया है। इसी के साथ मथुरा जिले के कई स्कूल और कॉलेजों में 5 और 6 सितम्बर को अवकाश घोषित किया गया है। प्रशासन द्वारा लोगों से बिना कारण नदियों के किनारे या बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में न जाने की अपील की गई है।
