संजीव भारद्वाज. जवाली
कांता कॉलेज ऑफ एजुकेशन चलवाड़ा में गीता जयंती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डाॅ. मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता राम शास्त्री, साथ में कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुरभि अग्रवाल, सभी शिक्षक एवं बी.एड. भाग। प्रथम वर्ष के शिक्षक प्रशिक्षण के छात्र शामिल थे। गीता जयंती का शुभारंभ मुख्य अतिथि मां सरस्वती ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। गीता जयंती के अवसर पर बीएड प्रशिक्षुओं द्वारा श्रीमद्भागवत गीता के उपदेशों का उल्लेख किया गया जिसमें मोहित कुमार, साक्षी जामवाल एवं नवदीप कुमार द्वारा गीता के श्लोकों का उच्चारण किया गया। उसके बाद श्रुतिका और उनके समूह द्वारा बहुत अच्छे अभिनय और नृत्य के माध्यम से लोगों को उस समय व्यस्त होने के बावजूद गीता की शिक्षाओं का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया। राहुल शर्मा, चेतन शर्मा और अमन शर्मा ने भी एक संवाद प्रस्तुत किया कि किस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को धर्म और कर्म का ज्ञान दिया था। मुख्य अतिथि ने इच्छुक बीएड शिक्षकों को अपने संबोधन में कहा कि गीता जयंती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में मनाई जाती है क्योंकि हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गीता स्वयं भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया एक बहुत ही पवित्र ग्रंथ है। गीता के अनुसार हर व्यक्ति को फल की इच्छा छोड़कर कर्म पर ध्यान देना चाहिए। मनुष्य को अपना मूल्यांकन करना चाहिए और अपने मन को वश में रखना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्या द्वारा मुख्य अतिथि को गीता जयंती का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।