Apple News: केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में वॉशिंगटन ऐप्पल पर लगाए जाने वाले आयात शुल्क को 20 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। सरकार के इस कदम से हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिह सुक्खू हिमाचल सेब के लिए चिंतित हो उठे है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केन्द्र सरकार से एक महत्वपूर्ण मांग रखी है। उन्होंने विदेशी सेब के आयात पर लगाए जाने वाले शुल्क को 70 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की मांग की है। उनका कहाँ है कि केंद्र सरकार के इस कदम से से हिमाचल प्रदेश के सेब उद्यानों को नुकसान होने की संभावना है और हिमाचली सेब का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

विदेशी सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत किया जाए-सुक्खू
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के सेब उद्यानों के बागवानों ने अपनी समस्याओं को समय-समय पर प्रकट किया है। वे पहले से ही चाहते थे कि सभी प्रकार के विदेशी सेब पर आयात शुल्क को 70 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत किया जाए। इस परिस्थिति में, केन्द्र सरकार द्वारा आयात शुल्क को कम करने की बजाय, वॉशिंगटन ऐप्पल पर 20 प्रतिशत की कटौती की गई है। इससे हिमाचल प्रदेश के सेब उद्यानों को नुकसान होगा और सेब की मांग कम होगी।

हिमाचल प्रदेश के सेब उद्यानों को नुकसान होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे इस मामले को केन्द्र सरकार के साथ उठाएंगे और सभी प्रकार के विदेशी सेब पर लगने वाले आयात शुल्क को बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने की मांग करेंगे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सेब उद्यानों के हितों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार से अपने फैसले को दोबारा विचार करने की अपील की है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने और सभी प्रकार के कोल्ड ड्रिंक्स में 5 प्रतिशत सेब का कंस्ट्रेट मिलाने का वायदा किया था। लेकिन, अब केन्द्र सरकार ने इसके विपरीत वॉशिंगटन ऐप्पल पर आयात शुल्क को कम कर दिया है, जिससे प्रदेश के सेब उद्यानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

केन्द्र सरकार से प्रतिक्रिया का इन्तजार
इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री ने खुद को इस्तीफा देने की धमकी नहीं दी है, बल्कि वे केन्द्र सरकार के साथ संवाद और समाधान की तलाश कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के सेब बागवान उद्यानों के हितों को देखते हुए, उन्होंने अपनी मांग को जारी रखने के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है। अब यह देखा जा रहा है कि केन्द्र सरकार कैसे प्रतिक्रिया देती है और क्या उन्हें हिमाचल प्रदेश के सेब उद्यानों की मांग को मान्यता देती है।
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