Ghaziabad: कचरा प्लांट के खिलाफ पांच माह से बवाल, विरोध करने वालों पर ताबड़तोड़ FIR

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

गाज़ियाबाद : गाज़ियाबाद के मसूरी क्षेत्र के धबरसी गांव में पिछले पांच महीनों से नगर निगम द्वारा स्थापित नए ठोस अपशिष्ट प्रोसेसिंग प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यह विरोध कानूनी पचड़े में भी फंस गया है, क्योंकि अब तक तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें पूर्व विधायक असलम चौधरी और गांव के ही बसीत प्रधान के नाम भी शामिल हैं।

गांव वालों का आरोप – विरोध करने की सजा एफआईआर
गांव वालों का कहना है कि एनएच-9 के पास करीब 21 बीघा लीज पर ली गई जमीन पर बने इस प्लांट से रोजाना 200-300 कचरा भरे डंपर सुबह 8 बजे से शाम तक गांव से होकर गुजरते हैं। बदबू और गंदगी इतनी है कि बच्चों को मास्क पहनाने और घरों में कूलर तक बंद करने पड़ते हैं। “सिर्फ आवाज उठाने पर मुझे छह दिन जेल में रहना पड़ा। यहां विरोध करना ही अपराध बना दिया गया है,” बसीत प्रधान कहते हैं।

पुलिस कार्रवाई और धाराएं
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पहली एफआईआर 7 मई को निगम के कचरा ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही रोकने के आरोप में दर्ज हुई। दूसरी 13 जून को सड़क को नुकसान पहुंचाने के मामले में, और तीसरी 11 अगस्त को फिर से निगम के वाहनों को रोकने पर। इन मामलों में बीएनएस की दंगाई, गलत तरीके से रोकने, सार्वजनिक आदेश की अवहेलना, आपत्तिजनक अपमान, डराने-धमकाने जैसी धाराएं लगाई गईं।

पूर्व विधायक की नाराज़गी
पूर्व विधायक असलम चौधरी का कहना है, “मुझे भी विरोध करने पर मुकदमे में घसीटा गया। बारिश में यहां का गंदा पानी ज़मीन में समा जाता है, बदबू इतनी फैलती है कि रिश्तेदार तक आना छोड़ देते हैं। महिलाओं ने भी विरोध किया, लेकिन उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं हुई।”

नगर निगम का पक्ष
नगर निगम स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार का कहना है कि साइट को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति मिली है और यह फिलहाल प्रोसेसिंग सेंटर के तौर पर शुरू हुई है। “यह आबादी से करीब 1.5 किमी दूर है और अभी 15 दिन पहले ही शुरू हुई है। विरोध सिर्फ साइट ही नहीं, बल्कि वहां तक जाने वाली सड़क पर भी हो रहा है, जिसके लिए 10 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत है।”

धबरसी गांव की करीब 10 हजार की आबादी का कहना है कि यह डंपिंग साइट उनकी जिंदगी को दूभर कर रही है। वहीं निगम का दावा है कि शहर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए यह जरूरी है, क्योंकि गाज़ियाबाद में उचित सुविधा का अभाव है।

Read More: Delhi police barricades: सड़कों पर बैरिकेडिंग को लेकर हाईकोर्ट की दिल्ली पुलिस को फटकार

Firenib
Author: Firenib

EMPOWER INDEPENDENT JOURNALISM – JOIN US TODAY!

DEAR READER,
We’re committed to unbiased, in-depth journalism that uncovers truth and gives voice to the unheard. To sustain our mission, we need your help. Your contribution, no matter the size, fuels our research, reporting, and impact.
Stand with us in preserving independent journalism’s integrity and transparency. Support free press, diverse perspectives, and informed democracy.
Click [here] to join and be part of this vital endeavour.
Thank you for valuing independent journalism.

WARMLY

Chief Editor Firenib