God Vishnu: हमारे सनातन धर्म के अनुसार हमें यह बताया गया है कि इस पूरे ब्रह्मांड को 3 देवताओं ने मिलकर बनाया है। हमारे पूरे ब्रह्मांड में 14 ग्रह हैं, जिसमें से पृथ्वी भी एक है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पृथ्वी को मृत्यु लोक के नाम से भी बुलाया जाता है। हमारी पृथ्वी पांच तत्वों से बनी हुई है जैसे कि जल, थल, वायु, अग्नि और आकाश।
भगवत गीता में भी यह साफ-साफ लिखा गया है कि श्री कृष्ण ने खुद अर्जुन को कहा था कि मैं ही ईश्वर हूं, मैं ही ब्रह्माण्ड की अवस्था को सुधारने के लिए बार-बार अवतार लिया करता हूं।
सारे प्राणी मुझ में बसे हुए हैं और मैं ही प्राणियों में बसा हुआ हूं। यहां तक कि श्रीकृष्ण ने यह भी कहा था कि जब जब अधर्म बढ़ता है तब तक मैं भिन्न भिन्न रूप लेकर धरती पर अवतार लेता हूं। यह सब कुछ भगवत गीता में लिखा गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवत गीता में कृष्ण भगवान के 22 अवतार बताए गए हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर धर्म शास्त्रों में कृष्ण भगवान के 24 अवतारों के बारे में बताया गया है। जिसमें से दशावतार को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। गरुड़ पुराण में दशावतार के बारे में संक्षिप्त में लिखा गया है। मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि अवतार।
God Vishnu: भगवान विष्णु के 24 अवतारों के नाम निम्नलिखित हैं:
यह सूची भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों की है, जो हिंदू धर्म में माने जाते हैं। यह अवतार उनके लिए विशेष कार्यों और धर्मिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रकट हुए थे।
- मत्स्य अवतार: भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में पृथ्वी को प्रलय से बचाया और सत्ययुग के रखवाले सत्यव्रत मनु को जीवन बचाया।
- कूर्म अवतार: भगवान विष्णु ने कूर्म रूप धारण किया ताकि समुद्र मंथन के समय पर्वत मंडराचल को समर्थन प्रदान कर सकें।
- वराह अवतार: भगवान विष्णु ने वराह रूप में असुर हिरण्याक्ष को मात्रिका के पुत्रों सहित पाताल से उद्धार किया और पृथ्वी को उत्थान किया।
- नरसिंह अवतार: भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप में असुर हिरण्यकश्यपु को मारकर उसके भक्त प्रह्लाद का संरक्षण किया।
- वामन अवतार: भगवान विष्णु ने वामन रूप में दैत्य बलि के यज्ञ को रोककर उसे पताल में जाने की अनुमति दी और धरती को तीन छोटे चरणों में धारण किया।
- परशुराम अवतार: भगवान विष्णु ने परशुराम रूप में क्षत्रियों की अत्याचारों का नाश करने के लिए अवतार लिया और उन्होंने 21 पुत्रीय क्षत्रिय वंशों का विनाश किया।
- राम अवतार: भगवान विष्णु ने राम रूप में असुर रावण का वध करने के लिए अवतार लिया और धरती पर धर्म का पालन किया।
- कृष्ण अवतार: भगवान विष्णु ने कृष्ण रूप में महाभारत युद्ध के समय अर्जुन को भगवद गीता के माध्यम से धर्म का उपदेश दिया।
- बुद्ध अवतार: भगवान विष्णु ने बुद्ध रूप में मानवता को दुख से मुक्ति पाने के लिए धर्म का प्रचार किया।
- कल्कि अवतार: भगवान विष्णु के आखिरी अवतार के रूप में कल्कि आएंगे और अधर्म को समाप्त करने के लिए युद्ध करेंगे।
इसके आलावा भगवान् विष्णु के अन्य 14 अवतार भी शामिल है.
- यज्ञ अवतार: यज्ञ अवतार में भगवान विष्णु ने प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यपु के प्रजापति स्वयंभुव मनु के यज्ञ को चोरी करने वाले हिरण्याक्ष का वध किया। इससे धरती के धर्म की रक्षा हुई और असुरों के अत्याचारों का नाश हुआ।
- वेदव्यास अवतार: वेदव्यास अवतार में भगवान विष्णु ने वेदों के अद्यतन और प्राचीन ज्ञान को मानवता के लिए प्रस्तुत किया। महाभारत का रचना करने वाले ऋषि वेदव्यास ने भी इस अवतार में धर्म का प्रचार किया।
- प्रह्लाद अवतार: प्रह्लाद अवतार में भगवान विष्णु ने प्रह्लाद के माध्यम से भक्ति का महत्व और दुष्ट हिरण्यकश्यपु के विरुद्ध धर्म की महत्वपूर्णता को प्रकट किया।
- अवतरणी अवतार: भगवान विष्णु ने अवतरणी अवतार में धरती पर आकर मनुष्यों को विभिन्न विधाओं में धर्म का अनुसरण करने का प्रेरणा दिया।
- धन्वंतरि अवतार: धन्वंतरि अवतार में भगवान विष्णु ने अमृत कलश को समुद्र मंथन के समय मनुष्यों के लिए प्रकट किया और आयुर्वेद के पिता धन्वंतरि के रूप में आकर उन्होंने रोगों का उपचार सिखाया।
- हंस अवतार: हंस अवतार में भगवान विष्णु ने सृष्टि के प्रारंभ के समय ब्रह्मा के साथ योग करने का संकेत दिया और उन्होंने वेदों की प्रथम शिक्षा प्रदान की।
- धन्वंतरि अवतार: धन्वंतरि अवतार में भगवान विष्णु ने आयुर्वेद के प्रथम वैद्यक के रूप में प्रकट होकर मनुष्यों को रोगों से मुक्ति प्रदान की।
- वेदव्यास अवतार: वेदव्यास अवतार में भगवान विष्णु ने वेदों के महत्व को प्रमोट किया और ऋषि वेदव्यास के रूप में मनुष्यों को धर्म का उपदेश दिया
- नील मधव अवतार: नील मधव अवतार में भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों के मध्य होने वाले अमृत के मध्यस्थ समुद्र मंथन का संरक्षण किया।
- मोहिनी अवतार: मोहिनी अवतार में भगवान विष्णु ने देवता-असुर संग्राम के समय मोहिनी रूप में प्रकट होकर अमृत को देवताओं के लिए प्राप्त करने का काम किया।
- नरद अवतार: नरद अवतार में भगवान विष्णु ने ऋषि नारद के रूप में मनुष्यों को धार्मिक ज्ञान और उद्धारण के लिए प्रेरित किया।
- नरनारायण अवतार: नरनारायण अवतार में भगवान विष्णु ने नारद के साथ मिलकर तपस्या की और मनुष्यों को धर्मपरायण जीवन जीने की सीख दी।
- कपिल अवतार: कपिल अवतार में भगवान विष्णु ने महर्षि कपिल के रूप में वेदांत सूत्रों की व्याख्या करके मनुष्यों को आत्मा का ज्ञान दिलाया।
- दत्तात्रेय अवतार: दत्तात्रेय अवतार में भगवान विष्णु ने महर्षि दत्तात्रेय के रूप में मनुष्यों को गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व और आध्यात्मिक ज्ञान का उपदेश दिया।
- ये थे शेष चौदह भगवान विष्णु के अवतारों की संक्षिप्त व्याख्या। धार्मिक ग्रंथों में इन अवतारों की विस्तृत चरित्रिकाएँ उपलब्ध होती हैं, जो आपके आध्यात्मिक ज्ञान को और भी विस्तारित कर सकती हैं।
ये थे प्रमुख दस अवतारों की संक्षिप्त व्याख्या। आपकी जानकारी के लिए, अन्य अवतारों की भी गहराईयों में व्याख्या उपलब्ध है जो धार्मिक लेखों और पुराणों में मिल सकती है।
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