Himachal News : जैसा कि हिमाचल प्रदेश देश के उन गिने-चुने राज्यों में से है जहाँ सेब की खेती होती है। इसी बीच प्रदेश के कृषि विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक इस सीजन से हिमाचल प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन में सेब की बिक्री होगी और एक कार्टन में 20 किलो से अधिक सेब नहीं होगा। सरकार के इस फैसले से बागवानों को बिचौलियों के शोषण से छुटकारा मिल सकेगा। वजन के साथ छोटे-बड़े आकार के सेब को लेकर हिमाचल सरकार द्वारा मानक तय किए गए हैं।
कृषि विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, बागवानों को न मिटने वाले मार्कर से घरों में ही तैयार फसल का वजन पेटी पर लिखना होगा। इसके बाद मंडियों में भी मशीन से इनका वजन किया जाएगा, ताकि सेब बागवान बिचौलियों के शोषण से बच सकें। जानकारी के लिए बता दें इससे पहले सेब बागवानों को बिचौलियों के दबाव के चलते एक पेटी में 28 से 30 किलो तक सेब डालने पड़ते थे और पैसे उन्हें वजन के हिसाब से नहीं बल्कि पेटी के हिसाब से ही मिलते थे।
Himachal News : पेटी के हिसाब मिलते हैं पैसे
इसका मतलब चाहे पेटी 25 किलो सेब हो या 30 किलो पैसे उतने ही मिलेंगे। आपको बता दें नई अधिसूचना जारी होने के बाद 30 दिन के भीतर कोई भी कृषि सचिव के पास सुझाव और आक्षेप भेज सकता है। आपको बता दें 6 प्रकार के ग्रेड हेतु अलग-अलग वजन, ट्रे की संख्या, प्रति बॉक्स सेब की संख्या और प्रति पेटी वजन स्पष्ट किया गया है। अगर बात करें प्रति ट्रे सेब की तो एक्स्ट्रा लार्ज के लिए 20, मीडियम के लिए 25, स्माल के लिए 30, एक्स्ट्रा स्माल के लिए 35 एवं पितु के लिए प्रति ट्रे संख्या 40 होगी।
बात करें प्रति बॉक्स सेब की संख्या की तो एक्सट्रा लार्ज में प्रति बॉक्स 80, लार्ज में 100, मीडियम में 125, स्मॉल में 150, एक्स्ट्रा स्मॉल में 175 और पितु में 200 होगी। नए नियमों के मुताबिक एक्सट्रा लार्ज, लार्ज और पितु के कार्टन का वजन 20 किलो से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि मीडियम के लिए 20.125, स्मॉल के लिए 20.025 और एक्स्ट्रा स्मॉल के लिए 20.075 वजन से अधिक नहीं होना चाहिए।
