Himachal Sarkar की तरफ से केबिनेट मीटिंग में एक बड़ा फैसला लिया गया है। आपको बता दें आज हुई प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लीज रूल्स में बदलाव किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए फोरेस्ट ट्रांसफर से लीज पर मिलने वाली सरकारी जमीन का रेट 5 रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है। आपको बता दें पिछले साल लीज की दर 50 रुपए प्रति वर्ग मीटर होने के बाद लीज का एक भी मामला क्लियर नहीं हुआ।
इस निर्णय के बाद से ऊर्जा परियोजनाओं और अन्य बड़े प्रोजेक्ट के लिए जमीन लीज पर नहीं ली गई। इसके बाद राजस्व विभाग द्वारा Himachal Sarkar को फीडबैक दिया गया। इसके बाद स्थिति को देखते हुए सरकार ने हाल ही में आयोजित कैबिनेट की बैठक में पुराने निर्णय में बदलाव करते हुए लीज की दर 50 रुपए से घटाकर 5 रुपए प्रति वर्ग मीटर कर दी है।
भूमि ट्रांसफर के बाद अलग से साइन करना होगा लीज एग्रीमेंट
आपको बता दें Himachal Sarkar के फैसले से यह बात साफ़ हो गई है कि अब वन भूमि ट्रांसफर होने के बदले में बिजली परियोजनाओं को अलग से लीज एग्रीमेंट भी साइन करना होगा। इससे पहले कुल्लू जिला से एलाइन दुहांगन प्रोजेक्ट द्वारा सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा गया कि फोरेस्ट लैंड के बदले नेट प्रेजेंट वैल्यू का भुगतान करने के बाद लीज करना उचित नहीं है।
इतना ही नहीं इस प्रावधान के खिलाफ कुछ परियोजनाओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया। हाईकोर्ट द्वारा Himachal Sarkar से ही इनके रिप्रेजेंटेशन डील करने के लिए कहा गया और अब राजस्व विभाग द्वारा इन परियोजनाओं की अलग से सुनवाई की जा रही है। लेकिन इस बीच लीज रूल्स में संशोधन कर नई दरें तय की गई हैं। इसका मतलब है कि फॉरेस्ट लैंड ट्रांसफर के मामलों में भी अलग से लीज एग्रीमेंट साइन करना होगा।
Himachal Sarkar ने ख़तम की 99 सालों की लीज प्रथा
आपको बात दें वर्तमान सरकार द्वारा 99 सालों की लीज प्रथा को समाप्त कर केवल 40 साल की लीज दी जा रही है। आमतौर पर सरकार द्वारा बिजली परियोजनाओं, हेलीपैड या आर्मी उपयोग के स्ट्रक्चर जैसे बड़े प्रोजेक्ट हेतु वन भूमि लीज पर दी जाती है। इंडस्ट्री और टूरिज्म के लिए भी जमीन लीज पर मिलती है, लेकिन इसमें लीज वैल्यू सर्किल रेट के 10 फीसदी के हिसाब से तय होती है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
