Lord Ganesha: यह कथा है विनायक जी के जन्म के बाद की. जब माता पार्वती जी ने विनायक जी के सिर पर हाथ फेरते हुए उन्हें दिव्य छड़ी दी. उन्हें आज्ञा देते हुए कहा कि पुत्र तुम्हें इसे द्वार पर रहकर मेरी आज्ञा का पालन करना है और किसी को भी अंदर नहीं आने देना है. इतनी बात कहकर माता पार्वती अंदर स्नान करने चली गई.
इसके कुछ ही देर बाद भगवान शंकर वहां आए और अंदर जाने लगे. तो बालक विनायक ने उन्हें दरवाजे के बाहर ही रोक दिया और शिवजी से कहा कि यहां मेरी माता पार्वती का निजी भवन है. अंदर प्रवेश करने के लिए उनकी आज्ञा लेना बहुत जरूरी है. बिना आज्ञा लिए आप अंदर नहीं जा सकते. यह बात सुनकर शिव जी का ध्यान विनायक जी की तरफ गया और उन्हें डांटते हुए बोलने लगे. मूर्ख बालक तू कौन है और मुझे क्यों रोका है? दूर हट और मुझे अंदर जाने दे.
विनायक जी ने रोका शिवजी का रास्ता
भगवान शिव जबरदस्ती अंदर जाने लगे तो विनायक जी ने उनका रास्ता रोक लिया. विनायक जी कहने लगे आप कितने भी बड़े देवता क्यों ना हो लेकिन मेरी माता की आज्ञा के बिना आप अंदर प्रवेश नहीं कर सकते. जब तक मेरी माता श्री अंदर आने की आज्ञा नहीं दे देती, तब तक मैं आपको भीतर जाने नहीं दूंगा. इतना कहकर बालक ने हाथ की दिव्य छवि को गाड़ी करके द्वार पर लगा दिया. एक नन्हे से बालक की इतनी बड़ी जीत देखकर भगवान शंकर हैरान भी हुए और उन्हें गुस्सा भी आने लगा.
उसके बाद शिवजी क्रोध में आकर बोले अरे बालक तू कौन है, जो मुझे मेरे ही घर के अंदर जाने से रोक रहा है. कुछ देर सोचने के बाद भगवान शंकर वहां से हट गए और अपने गणों को द्वार से नन्हे बालक को हटाने के लिए भेजा. शिव जी की आज्ञा पाकर उनके गण वहां पहुंचे और बालक से प्रश्न किया तो उसने वही उत्तर उन्हें दिया. इस पर शिवजी के गणों ने डांटते हुए कहा कि तुम यहां से चले जाओ नहीं तो हम तुम्हें मरने को मजबूर होंगे. बालक विनायक भी अपनी जिद पर अड़े हुए थे कि तुम या तुम्हारे स्वामी कोई भी मेरी माता की आज्ञा के बिना अंदर प्रवेश नहीं कर सकते.
शिवजी के गणों को भी बालक विनायक ने धूल चटाई
शिवजी के गणों ने लौटकर शिव जी को यह बात बताई कि वह तो पार्वती जी के पुत्र हैं. भगवान शिव को और अधिक गुस्सा आ गया और बोले तुम इतने ज्यादा बलवान होकर भी एक बालक से डरकर इधर आ गए. अगर वह बात नहीं मानता है तो उस से युद्ध करो. गणों ने वापस विनायक जी के पास जाकर उनसे वाद विवाद करना शुरू कर दिया लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे. इसके बाद शिवजी के गणों ने विनायक जी पर हमला बोल दिया. बालक विनायक नहीं अपनी दिव्य छड़ी का ऐसा प्रयोग किया कि युद्ध में शामिल हुए सभी गणों को अपनी जान प्यारी लगने लगी. उन्होंने पीछे ना मुड़ते हुए वहां से भागना ही उचित समझा. इस तरह विनायक जी ने शिवजी के गानों को युद्ध में धूल चटाई और मां पार्वती की आज्ञा का पालन किया.
30 Responses
casibom giris adresi: casibom giris – casibom guncel
casibom guncel
farmacias online seguras: farmacias baratas online envio gratis – farmacia barata
sildenafilo 100mg precio espaГ±a: viagra generico – viagra online gibraltar
comprar sildenafilo cinfa 100 mg espaГ±a: viagra precio – se puede comprar sildenafil sin receta
kamagra senza ricetta in farmacia: viagra prezzo – viagra generico prezzo piГ№ basso
migliori farmacie online 2024: Cialis generico 20 mg 8 compresse prezzo – farmacie online sicure
pillole per erezione immediata: viagra senza ricetta – viagra online consegna rapida
Farmacie online sicure: Farmacia online migliore – farmacie online sicure
kamagra senza ricetta in farmacia: viagra – kamagra senza ricetta in farmacia
prednisone for sale no prescription: prednisone 50 mg price – over the counter prednisone pills
ventolin for sale canada: Ventolin inhaler price – where to buy ventolin nz
Buy compounded semaglutide online: rybelsus price – buy semaglutide online
Buy compounded semaglutide online: buy rybelsus – semaglutide
buy prescription drugs from india: Indian pharmacy international shipping – indian pharmacy
mexican rx online: mexican pharmacy – mexican mail order pharmacies