नई दिल्ली: सिंजेंटा के ग्लोबल सीईओ जेफ रो ने अपने पहले भारत दौरे पर सोमवार को कृषि के क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की। उन्होंने भारतीय किसानों, युवाओं और ग्रामीण समुदायों के प्रति सिंजेंटा की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की। रो ने सिंजेंटा के ‘आई-राइज’ (इन्कल्केटिंग रूरल इंडिया स्किल एन्हांसमेंट) कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य एक लाख ग्रामीण युवाओं को विभिन्न कृषि नौकरियों के लिए प्रशिक्षित करना है। अपने दौरे के दौरान, उन्होंने हरियाणा में क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर परियोजना के लिए फील्ड डेमोंस्ट्रेशन में भाग लिया, करनाल में किसानों से मुलाकात की और फसल सुरक्षा समाधानों के छिड़काव के लिए ड्रोन प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
रो ने ‘आई-राइज’ पहल का विवरण देते हुए बताया कि यह कार्यक्रम आठ सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करता है और इसे भारत में ग्रामीण समृद्धि के लिए एक ‘सुरक्षा कवच’ के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कार्यक्रम ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें कृषि आधारित रोजगार से जोड़ने पर केंद्रित है, ताकि गांवों से हो रहे पलायन को रोका जा सके और कृषि में कुशल श्रमिकों की घटती संख्या की चुनौती का सामना किया जा सके। ‘आई-राइज’ के तहत, 35 वर्ष से कम आयु के ग्रामीण युवा, जिन्होंने कम-से-कम कक्षा 10 तक की शिक्षा प्राप्त की हो और जिन्हें कृषि का अनुभव हो, 30 दिनों की कक्षा प्रशिक्षण और उसके बाद दो महीने की इंटर्नशिप में भाग लेते हैं। इसके बाद, वे उन्नत प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं या कृषि आपूर्ति शृंखला, सूक्ष्म व्यवसाय या खेती की गतिविधियों में रोजगार की तलाश कर सकते हैं। यह कार्यक्रम थ्री-ई (3Es) दृष्टिकोण पर आधारित है: युवाओं को कृषि में प्रशिक्षित कर और मार्गदर्शन देकर उन्हें कुशल बनाना; उन्हें रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के माध्यम से जोड़ना; और उनकी आजीविका आय में वृद्धि करना।
बाद में, हरियाणा के खेतों का दौरा करने और स्थानीय किसानों से मिलने के बाद, रो ने भारतीय किसानों द्वारा प्रौद्योगिकी को तेजी से अपनाने की सराहना की। उन्होंने सिंजेंटा की टीम को किसानों के समुदायों को सशक्त बनाने के लिए की जा रही पहल के लिए सराहा। रो ने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय किसान नवाचार को अपनाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, ‘हम किसानों को जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम तरीकों को अपनाने में सहयोग करते हैं। हम ऐसी तकनीकों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उत्पादन को बढ़ाये और सुरक्षित रखे, डिजिटल विज्ञान द्वारा समर्थित नये उत्पादों का व्यावसायीकरण करे, और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करे, ताकि कृषि के क्षेत्र में सतत विकास की गतिविधियाँ स्थायी बनी रहें।’ रो ने कहा, हम पानी के उपयोग की दक्षता में सुधार, क्षीण भूमि की उत्पादकता बढ़ाने और मिट्टी में कार्बन भंडारण बढ़ाने पर गहन ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस दिशा में कंपनी के हस्तक्षेप से भारतीय किसानों को उल्लेखनीय लाभ हुआ है।
रो ने वैश्विक कृषि प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में सिंजेंटा ग्रुप की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिंजेंटा खेती में पुनर्योजी (regenerative) तरीकों को अपनाने के लिए दुनिया भर के किसानों को सशक्त बनाने वाले अनुकूलित समाधान प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। करनाल के एक खेत के दौरे के दौरान, उन्होंने सिंजेंटा की स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में ‘क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर परियोजना’ का उल्लेख किया।
सिंजेंटा इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं कंट्री हेड सुशील कुमार ने ‘क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर परियोजना’ की जानकारी देते हुए कहा, ‘यह परियोजना हरियाणा और पंजाब में चावल उत्पादन को प्रभावित करने वाली जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करती है। परियोजना में उर्वरक उपयोग को अनुकूलित करने के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य का विश्लेषण किया जाता है, जिससे प्रति एकड़ 100 किलोग्राम यूरिया की कमी होती है। इसके अलावा, फसल अवशेष प्रबंधन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है, जिसमें ‘हैप्पी सीडर’ जैसी तकनीकें शामिल हैं, जो फसल अवशेषों को जलाने की हानिकारक प्रथा को समाप्त करती हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लगभग 23 मिलियन टन अवशेष हर साल जलाये जाते हैं।’
रो ने आगे कहा, ‘राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन के माध्यम से सतत कृषि पर भारत की एक स्पष्ट नीति है, और हम इसे समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह परियोजना इस मिशन के अनुरूप है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत में सिंजेंटा की कई पहल देश की वैश्विक खाद्य प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका और किसानों को वैश्विक खाद्य संकट से निपटने में समर्थन देने की आवश्यकता से प्रेरित है।
दिन के अंत में, रो ने ड्रोन से छिड़काव के प्रदर्शन में भाग लिया और हरियाणा के किसानों को नई तकनीकों को अपनाने के लिए बधाई दी। इस अवसर पर, रो ने बताया कि कृषि में डिजिटल अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने में सिंजेंटा सबसे आगे रही है। हरियाणा की यात्रा के दौरान, रो ने ‘टेकफेस्ट’ की भी शुरुआत की, जो सिंजेंटा के चैनल पार्टनर्स के ज्ञान और सहभागिता को बढ़ाने के लिए एक नवाचारी और सहयोगात्मक मंच है।