प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत पड़ता है प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मनचाहित फल की प्राप्ति होती है फाल्गुन महीने का प्रदोष का व्रत 25 फरवरी को रखा जाएगा। फाल्गुन प्रदोष व्रत मंगलवार को है इस भौम प्रदोष कहा जाएगा। मंगल का एक नाम भौम भी है वही भौम प्रदोष व्रत करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है। इस दिन मंगल से संबंधित चीज़ें गुड़, मसूर की दाल, लाल वस्त्र, तांबा आदि का दान करने से सौ गौ दान के समान फल मिलता है। त्रोयदशी तिथि की रात को जो व्यक्ति शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उस पर भगवान शिव की कृपा बना रहती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
इस दिन व्रती नित्यकर्मों से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें और फिर साफ-सुथराा वस्त्र पहने।
इसके बाद प्रदोष व्रत की पूजा के लिए ईशान कोण का चुनाव करे।
इसके साथ ही पूजा स्थल को गंगाजल या साफ जल से शुद्ध करने के बाद गाय के गोबर से लीपकर मंडप तैयार करें।
इस मंडप में पांच रंगों से कमल के फूल की आकृति बना लें।
इस तरह मंडप तैयार करने के बाद पूजा की सारी सामग्री अपने पास रखकर कुश के आसान पर बैठ जाए।
उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके शिव जी की पूजा करें।
पूजा के एक-एक उपचार के बाद ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करें। जैसे पुष्प अर्पित करें और ‘ऊँ नमः शिवाय’ कहें।
शिवजी की पूजा के बाद हनुमान जी की पूजा भी करें। भौम प्रदोष में हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त 2025
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रोयदशी 25 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी जो 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा। प्रदोष पूजा का शुभ मुहूर्त 25 फरवरी को शाम 6 बजकर 43 मिनट से रात 9 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
