देश में डिजिटल लैंड रिकॉर्ड की शुरुआत हो गयी है इसके बाद में कुछ राज्यों ने अपनी जमीनों के रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है इससे आम लोगो को काफी ज्यादा फायदा हो रहा है क्योकि वह खेत या जमीन की जानकारी ऑनलाइन देख पा रहे है और इसे वेरिफाई भी कर लिया गया है इसी में एक राज्य राजस्थान का नाम भी आता है जिसने साल 2016 में ही अपने लैंड रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया है इसके साथ ही राजस्थान सरकार की तरफ से इस पोर्टल की शुरुआत की गयी है। इस पोर्टल का नाम ई-धरती है वही इसे अपना खाता के नाम से भी जानते हैं। इस पोर्टल पर आप लैंड रिकॉर्ड की पूरी जानकारी पा सकते हैं। हालांकि इस पोर्टल पर सभी जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल नहीं है, मगर आपको यहां अधिकांश जानकारी मिल जाएगी। यहां आपको कई जानकारी मिल जाएगी। इसी में एक सर्विस भूमि रजिस्ट्री को देखने की है. ऐसे में आइए जान लेते है ई-धरती पोर्टल पर भूमि रजिस्ट्री को ऑनलाइन कैसे देख सकते हैं।
भूमि रजिस्ट्री ऑनलाइन कैसे चेक करें
सबसे पहले अपना खाता राजस्थान वेबसाइट पर जाएं।
‘ई-फ्रेंड लॉगिन’ पर क्लिक करें. यूजरनेम और पासवर्ड दर्ज करें, और कैप्चा कोड भरें।
मेन पेज पर दिए गए नक्शे पर जिले दिखाए गए हैं। अपने जिले पर क्लिक करें। इसके बाद नए पेज पर डायरेक्ट किया जाएगा।
तहसील का चयन करें। वही भूमि कर वर्ष को सेलेक्ट करें।
‘गांव पटवार सर्किल’ के अंतर्गत आपको जिस तरह की जमीन का रिकॉर्ड देखना है, उसे सेलेक्ट करना होगा।
आवेदक का नाम और पता दर्ज करें, जिस शहर में आवेदक रहता है उसे भी दर्ज करें। पानी कोड डालें।
‘ऑप्शन टू इश्यू कॉपी’ में अकाउंट का चयन करें। इसमें आपको यूएसएन या जीआरएन का चयन करना होगा।
चुने गए विकल्प के आधार पर बॉक्स में नंबर दर्ज करें। अगर यूएसएन ऑप्शन का चयन किया है तो बॉक्स में यूएसएन नंबर देना होगा।
इसके बाद कंप्यूटर स्क्रीन पर लैंड रिकॉर्ड की पूरी जानकारी दिख जाएगी।
ये दोनों चीजें है बेहद जरुरी
लैंड रिकॉर्ड ऑनलाइन तभी देख पाएंगे जब खाता नंबर दर्ज करेंगे। वही खाता नंबर जमीन का अकाउंट होता है जिसमें परिवार के सभी सदस्यों के लैंड ओनरशिप की जानकारी दी गई रहती है। ऐसे में जमाबंदी राजस्थान पोर्टल पर भूलेख देखने के लिए भी खाता नंबर देना होता है।
खतौनी
खतौनी भी एक अकाउंट नंबर होता है जिसमें उन परिवार के सदस्यों की जानकारी होती है जिनके नाम से जमीन होती है। वही खतौनी में जमीन का खसरा नंबर, जमीन का क्षेत्रफल और उस जमीन में कितने लोगों का मालिकाना हक है, के बारे में जानकारी दी गई रहती है. खसरा नंबर में हम
