“रेड लाइट” एक दिल छू देने वाली कहानी….

तेज रफ्तार मोटर साइकिल वाले लड़के को चौराहे पर तेजी से ब्रेक मारना पड़ा . 310 सेकेंड की ये रेड लाइट शहर की सबसे लंबी अवधि की रेड लाइट थी . सिर्फ कुछ सेकेंड की देरी की वजह से ग्रीन सिग्नल रेड में बदल गया था . लड़के ने झुंझलाते हुये काले चश्में के पीछे से पहले अपने बाई औऱ फिर दाई तरफ नजर डाली .
बस ठीक उसी पल उसके बगल में एक औऱ मोटरसाइकिल आ रुकी औऱ कयामत आ बरपी .लाल बत्ती, उसकी साड़ी औऱ माँग के सिंदूर का रंग एक सा था .
” ये लाल रंग साला ! होता ही हैं खतरनाक .. हर बार मुझे रोक लेता है . ” लड़के ने मन ही मन सोचा .
तेज धूप में उसके पति के सर का काफी हिस्सा चमक रहा था . उसकी गोद में फंसा कुछ महीनों का बच्चा न जाने क्यों क्यों लड़के को देख थोड़ा थोड़ा मुस्कुरायें जा रहा था .
दोनो की एक दूसरे में उलझी नजरें खामोशी से सवाल औऱ जवाब दोनो कर रही थी .
वैसे न जाने कितनी बार वो गुजरे थे इस शहर के इस चौराहे से एक साथ ,एक ही बाइक पर एक दूसरे को महसूस करते हुये .
” कितना कुछ बदल गया हैं न ..? लड़के ने आंखों ही आंखों में सवाल किया ?
” हां पहले हमारे दरमियान कोई रेड लाइट जो न थी .” लड़कीं की आँखों ने जवाब दिया .
” क्यों किया ऐसा ? “लड़के की आँखों तक सवाल आया तो था पर जवाब से पहले ही बत्ती का रंग बदल गया औऱ उसके पति की मोटरसाइकिल चौराहा पार कर गयी .
सवाल औऱ जवाब दोनो हवा में तैरते रह गये . लड़का इस बार फिर से कुछ सेकेंड से लेट हो गया था .
©मृदुल कपिल