बिहार के कृषि मंत्री इन दिनों विभिन्न राज्यों के विभिन्न जिलों में किसान कल्याण संवाद कार्यक्रम के तहत किसानों से उनकी समस्याएं सुन रहे है वही किसानों द्वारा दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्री ने एक नया आदेश भी जारी किया है। वही मंत्री विजय कुमार सिन्हा का कहना है यांत्रिकरण योजना के तहत अनुदान भुगतान प्रक्रिया की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन करने की चर्चा कर रहा है वही सान कल्याण संवाद एवं युवा किसान सम्मान समारोह के दौरान किसानों ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जुड़ी नीतियों पर सुझाव और समस्याएं साझा की है। इसके बाद उपमुख्यमंत्री ने कृषि यंत्रो पर मिलने वाले अनुदान की प्रक्रिया में संशोधन करने का संकेत दिया है।
योजना के नियमों में बदलाव
बता दें कि कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत नियमों में बदलाव किए जाते रहे हैं। अब एक बार फिर कृषि मंत्री द्वारा अनुदान भुगतान की प्रक्रिया की समीक्षा कर आवश्यक संशोधन की चर्चा हो रही है। इससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले समय में सरकार नए नियम लागू कर सकती है।
कृषि यंत्र विक्रेताओं ने दिया था अपना सुझाव
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा जब कृषि यंत्र विक्रेताओं से सुझाव मांगे गए तो इस कार्यक्रम में मौजूद विक्रेताओं ने यंत्रो के क्रय पर अनुदान का भुगतान वर्तमान में निर्माता को न करके सीधे विक्रेताओं को कराया जाए। वही विक्रेताओं का कहना है की इससे प्रक्रिया और भी अधिक सरल और त्वरित हो जाती है और किसानों को यंत्र लेने में सुविधा होगी। इस पर उपमुख्यमंत्री का कहना है कि इस पर जल्द ही विचार विमर्श किया जाएगा और समीक्षा बैठक कि जाएगी। इसके बाद में किसानों के लिए कार्यवाही की जाएगी।
कृषि यंत्रों पर मिलने वाले अनुदान के नियम
कृषि यंत्रों पर मिलने वाली अनुदान राशि के नियम समय-समय पर बदलते रहे हैं। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 तक कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत विक्रेताओं को सीधे अनुदान का भुगतान किया जाता था। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक किसानों के बैंक खाते में सीधे अनुदान राशि भेजी जाने लगी। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2020-21 से किसानों को अनुदान राशि काटकर केवल कृषक अंश का भुगतान कर यंत्र क्रय करने की व्यवस्था लागू की गई, जिसमें सत्यापन के बाद शेष अनुदान राशि का भुगतान निर्माता को किया जाता है। इन सभी प्रक्रियाओं का उद्देश्य किसानों को पारदर्शी और सरल सुविधा प्रदान करना रहा है।
