Himachal News: हमीरपुर संसदीय क्षेत्र कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने केंद्र की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश में आपदा-विपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार ने जो वित्तिय प्रतिबंध हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर लगाये हैं
वह तुरंत हटाये जाने चाहिए। भाजपा की सरकारें हिमाचल प्रदेश की कितनी जनहितैषी है वह इन वित्तिय प्रतिबंधों से साफ पता चलता है।
लोकसभा के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश की जनता केंद्र की सरकार को करारा जबाब देगी
यदि केंद्र की सरकार हिमाचल प्रदेश में आपदा-विपदा की इस घड़ी में यदि वित्तिय प्रतिबंध नहीं हटाती तो आने वाले लोकसभा के आम चुनावों में हिमाचल प्रदेश की जनता केंद्र की सरकार को करारा जबाब देगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन बहाली योजना पर निर्णय लिए उधर केंद्र की भाजपा सरकार ने प्रदेश की उधार सीमा में 1779 हज़ार करोड़ की कटौती कर दी गई है। खुले बाजार से उधार लेने की सीमा भी पिछले साल की तुलना में करीब 5500 करोड़ रुपए कम कर दी।
कांग्रेस सरकार पहले ही कर्ज पर निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रही
दिसंबर 2023 तक प्रदेश सरकार को 4259 करोड़ उधार लेने की अनुमति मिली है। कांग्रेस हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार पहले ही कर्ज पर निर्भरता को कम करने की कोशिश कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने के बाद कर्मचारियों को उनका अधिकार दिया और केंद्र ने हिमाचल सरकार पर वित्तिय प्रतिबंध लगा दिए गए। यह सरासर प्रदेश की सरकार के साथ केंद्र की नाइंसाफी है, जबकि प्रदेश सरकार सक्रिय रूप से संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
प्रदेश के जनसाधारण को समझना होगा
हिमाचल प्रदेश के जनसाधारण को समझना होगा कि केंद्र की सरकार ने जो प्रदेश पर वित्तिय प्रतिबंध लगाए है वह प्रतिबंध साल 2023-24 से साल 2025-26 तक के लिए लागू रहेंगे, जबकि साल 2027 में फिर से विधानसभा चुनाव होंगे। इससे साफ लगता है कि केंद्र की सरकार प्रदेश की सरकार के कार्यकाल को वित्तिय प्रतिबंधों के आधार पर कमजोर करने पर तुली है, जो आम जनता, कर्मचारियों और युवाओं को बर्दास्त नहीं होगा।
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