केंद्र सरकार की तरफ से गन्ने के दाम में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है सरकार ने शुगर कंट्रोल ऑर्डर में बदलाव कर दिया है ताकि सभी किसानों को सही दाम मिल सके। ताकि सभी किसानों का इसका सही दाम मिल सके। वही नए शुगर कंट्रोल ऑर्डर 2025 के तहत खांडसारी को भी शामिल किया गया है, जिससे खांडसारी बनाने वाली यूनिटों को भी किसानों को एफआरपी यानी उचित और लाभकारी मूल्य देना होगा। वही लोगो ने सामान्य चीनी उपभोग बंद करके देसी खांड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है जिससे खांडसारी बनाने वाली यूनिटों का विस्तार हो रहा है लेकिन अभी तक ऐस यूनिट चीनी मिलों की तरह शुगर कंट्रोल ऑर्डर में शामिल नहीं थी, जिसकी वजह से इसके मालिक किसानों को एफआरपी नहीं देते थे।
गन्ने की FRP 355 रुपये
अब नए ऑर्डर के तहत खांडसारी यूनिटों को भी कवर कर दिया गया गया है। ऐसे में अब इन यूनिटों को भी गन्ना सप्लाई करने वाले किसानों को एफआरपी मिलेगा। वही केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए गन्ने की एफआरपी 355 रुपये क्विंटल तय किया है। इसके साथ ही खांडसारी अनप्रोसेस्ड चीनी होती है जो गन्ने के रस से बनाई जाती है। इसे देसी खांड कहते हैं। वही सफेद चीनी से होने वाले नुकसान की वजह से लोगों ने इसका सेवन बढ़ा दिया है, जिसकी वजह से चीनी मिलों को जाने वाला गन्ना बड़े पैमाने पर खांडसारी यूनिटों में डायवर्ट हो गया है।
कितनी बढ़ी यूनिटें
इस समय रोजाना 500 टन तक गन्ने की पेराई करने वाली 66 खांडसारी यूनिटों का पता चला है वही इन पर शुगर कंट्रोल ऑर्डर लागू होने के बाद अब इन्हें क्वालिटी के भी सख्त नियमों का पालन करना होगा। इनमें से ज्यादातर यूनिटें पश्चिम उत्तर प्रदेश में हैं। वही देश की सभी खांडसारी यूनिटों में कितने गन्ने की आपूर्ति हो रही है, इसका भी केंद्र सरकार डाटा जुटा रही है। इसके कुल मिलाकर केंद्र सरकार ने किसानों को गन्ने का अच्छा दाम मिलना सुनिश्चित करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है। एक दिन पहले बुधवार को ही सरकार ने एफआरपी में 15 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया था।
शुगर प्राइस कंट्रोल ऑर्डर
केंद्र सरकार ने शुगर कंट्रोल ऑर्डर 1966 की व्यापक समीक्षा करने के बाद इसमें बदलाव किया। अभी तक शुगर प्राइस कंट्रोल ऑर्डर, 2018 में चीनी के दाम से संबंधित विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख किया गया है, लेकिन अब इसे भी शजर कंट्रोल ऑर्डर-2025 में शामिल कर लिया गया अब अलग से कोई शुगर प्राइस कंट्रोल ऑर्डर नहीं होगा।
सही स्टॉक का चलेगा पता
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा का कहना है कि देशभर में चीनी के कुल स्टॉक में अब कच्ची चीनी यानि देशी मांड को भी शामिल किया जा रहा है इसलिए शुगर के वास्तविक स्टॉक के आंकड़े उपलब्ध होंगे वही वर्तमान कच्ची चीनी खांडसारी या ऑर्गेनिक नाम से बेची जा रही है। इसलिए इस परिवर्तन से इस उत्पाद के नामों पर रोक लगाई जा रही है। इसलिए इसे रोजाना 500 तन से अधिक की पेराई क्षमता वाली खांडसारी यूनिटों को नए ऑर्डर में कवर कर लिया गया है। वही नए ऑर्डर से चीनी उत्पादन का सटीक अनुमान लगाने में मदद मिलेगी। इससे देश में कुल 373 खांडसारी यूनिटें हैं, जिनकी पेराई क्षमता रोजाना लगभग 95000 टन की है।
