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Ganesh Chaturthi: जानिए भगवान श्री गणेश की ये रोचक कथा, इस दिन जरुर करें पूजा होंगे सरे काज सफल..

Ganesh Chaturthi: भगवान शंकर ने अपने पुत्र गणेश जी से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वह सभी कष्टों का नाश करने वाले देवता होंगे. परमवीर बुद्धिमान गणेश जी को वोट देते हुए महादेव ने कहा था कि तुम देवताओं में सबसे पहले पूजा जाओगे और संपूर्ण गुणों के अध्यक्ष का पद भी तुम्हें प्राप्त होगा. इसीलिए भगवान श्रीगणेश को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है.

क्यों करते हैं गणेश चतुर्थी को पूजा?

ज्यादातर लोगों के मन में यही सवाल आता है कि गणेश जी की पूजा चतुर्थी को ही क्यों की जाती है, पंचमी को क्यों नहीं? लेकिन हम आपको बता दें कि देवों के देव महादेव ने भगवान श्री गणेश को चतुर्थी का स्वामी बनाया था और इसी कारण गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. भगवान शंकर ने यह भी कहा था कि गणेश चतुर्थी के दिन अगर कोई सच्ची श्रद्धा से गजानन को प्रसन्न करने के लिए विधि व्रत पूजा और गणेश गान करेगा तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे और सारे कार्य सिद्ध होंगे.

भाद्रपद के महीने में ही होता है पूजन

भगवान श्री गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को महिलाएं और स्त्रियां ज्यादातर व्रत और पूजा करती हैं. पुराणों के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मध्याह्न में भगवान गणेश जी की पूजा करने की बात कही गई है. ऐसा कहा जाता है कि माता पार्वती जी ने महा गणेश जी का ध्यान किया था और इसी दिन गणेश जी का प्राकट्य दिवस भी मना जाता है.

इस तरह करते है गणेश जी की पूजा

सबसे पहले भगवान गणेश जी को स्नान कराकर उनके वस्त्र बदलने चाहिए. उनको मोदक बहुत प्रिय हैं, इसलिए देसी घी के मोदक उन्हें प्रसाद में चढ़ाने चाहिए. फल का भोग लगाएं तो इसमें आम जामुन चुन सकते हैं. दूब की माला पहना कर उन पर दूब चढ़ाए. पूजा करने के दौरान गणेश सहस्त्रनाम का पाठ भी करें. इसके अलावा ॐ गं गणपतये नमः का आप 108 बार जाप भी कर सकते है.

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