हरियाणा सरकार ने किसानों से एक मई तक फसल नुकसान के दावे को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया है यह आदेश ऐसे समय में आया है जब पिछले कुछ दिनों में राज्यभर में आग की घटनाओं में किसानों की गेंहू की फसल बड़े स्तर पर नष्ट होने की घटनाए सामने आई है वही सरकार का कहना है कि किसान जितनी जल्दी इस काम को पूरा कर सकेंगे, उतना जल्दी उनके हित में कोई फैसला लिया जाएगा।
7 जिलों के 102 गांव प्रभावित
वह किसानों से अपनी फसल नुकसान के दावे को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने के लिए ताकि सरकार उन्हें राहत प्रदान करने के बारे में निर्णय ले सके। इन सात जिलों के 102 गांवों में आग के कारण फसल को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना है। वही कृषि विभाग ने अनुमान लगाया था कि आग की घटनाओं के कारण 814 एकड़ से ज्यादा खड़ी गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है जिससे 312 किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
आग लगने की प्रमुख वजह
खेतों में चल रही ओवरहेड बिजली लाइनों के कारण शॉर्ट सर्किट को आग की घटनाओं का प्रमुख कारण बताया गया है। हालांकि ऐसी घटनाएं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में नहीं आती हैं। वही पीएम फसल बीमा योजना के दायरे में बिजली गिरने से होने वाले नुकसान को जरूर कवरेज मिलती है। लेकिन शॉर्ट सर्किट से होने वाले नुकसान को नहीं. फिर भी राज्य की बीजेपी सरकार किसानों को मुआवजा देने के लिए इच्छुक है।
कौनसे जिले हुए ज्यादा प्रभावित
एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया है कि सरकार संबंधित डीसी के जरिये किसानों की तरफ से अपलोड किया है। इसके बाद जल्द ही मुआवजा पैकेज को जारी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा नुकसान सिरसा में हुआ है जहां पर 266.28 एकड़ गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। इसके बाद कैथल जहां 146.3 एकड़, फिर फतेहाबाद जहां 83.3 एकड़ फसल और फिर कुरुक्षेत्र का नंबर है जहां पर 57 एकड़ फसल का नुकसान हुआ है।
