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Hightech कंपनियां की नज़र हाइब्रिड शिक्षण पर, चुन रही विलय-अधिग्रहण का रास्ता

मुंबई, सात अगस्त (भाषा) कोविड-19 महामारी का प्रकोप काफी हद तक कम होने के बाद देश में शिक्षा-प्रौद्योगिकी (एडटेक) और ऑफलाइन शिक्षण कंपनियां टिकाऊ और दीर्घकालिक कारोबारी मॉडल बनाने के लिए अब हाइब्रिड मार्ग अपना रही हैं और इसके लिए विलय तथा साझेदारी जैसे कदम उठा रही हैं।

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टीमलीज एडटेक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शांतनु रूज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कोविड के बाद की दुनिया में एडटेक उद्योग का भविष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण का मेल है और यही मॉडल आगे चलकर अधिक टिकाऊ होगा। लिहाजा एडटेक स्टार्टअप और यूनिकॉर्न कंपनियां भी हाइब्रिड खुदरा मॉडल को अपना रही हैं।

रूज ने कहा कि अनेक लाभों के बावजूद ऑनलाइन शिक्षण सभी समस्याओं का हल नहीं है और कोरोना वायरस के बाद दुनिया में हालात कमोबेश सामान्य होने के साथ शिक्षण उद्योग भी हाइब्रिड मॉडल की तरफ जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र साझेदारी की राह पर बढ़ रहा है क्योंकि इसके बगैर अपने कारोबार को टिकाऊ नहीं बना पाने वाले कई स्टार्टअप के समक्ष आस्तित्व का संकट खड़ा हो जाएगा और यह भी मुमकिन है कि उन्हें कारोबार से बाहर जाना पड़े।

सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि ज्यादातर एडटेक कंपनियों के मुख्यालय बड़े शहरों में हैं और उन्होंने पहली एवं दूसरी श्रेणी के शहरों में हाइब्रिड मॉडल शुरू किए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा का भविष्य ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षण दोनों का मेल है।

इमार्टिकस लर्निंग के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक निखिल बरशिकर ने कहा कि हाइब्रिड शिक्षण सबसे सुगम विकल्प नजर आता है क्योंकि इससे छात्रों को निर्बाध शिक्षा सुनिश्चित होती है।

यह आर्टिकल फायरनिब टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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