प्रदेश के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा केंद्र की तरफ से जो गेंहूं आता है, उसे 90 फ्लोर मिलों पिसवाया जाता है। पिसाई के बाद आटा को सप्लाई के लिए डिपो भेजा जाता है। इसी बीच अब Himachal Sarkar ने इसे लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है, जिसके तहत सरकार गेहूं की पिसाई करने वाली फ्लोर मिलों को कानून के दायरे में लाने वाली है। आपको बता दें यह निर्णय प्रदेश की कई फ्लोर मिलों में पिसवाए गए आटे से चोकर निकलने की शिकायतों के चलते लिया गया है।
बार-बार आ रही शिकायतों को देखते हुए Himachal Sarkar ने फ्लोर मिल मालिकों के खिलाफ सख्ती अपनाने का निर्णय लिया है। आपको बता दें अब फ्लोर मिल मालिकों को सरकार को 3 से 20 लाख रुपये की सिक्योरिटी देनी होगी। अगर आटे में किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है, तो सरकार द्वारा सिक्योरिटी की राशि जब्त कर ली जाएगी। वर्तमान में फ्लोर मिल मालिकों को किसी प्रकार की सिक्योरिटी नहीं देनी पड़ती।
Himachal Sarkar को भेजा गया प्रस्ताव
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा Himachal Sarkar को फ्लोर मिल मालिकों से सिक्योरिटी लेने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश के पंजीकृत फ्लोर मिल मालिकों को विभाग के पास सिक्योरिटी राशि जमा करवानी होगी। आपको बता दें कई बार उपभोक्ताओं को मिलने वाले सस्ते आटे के सैंपल टेस्ट में फेल हो चुके हैं।
हालाँकि, सैंपल फेल होने पर फ्लोर मिल मालिक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने की राशि भर देते हैं। क्यंकि जुर्माना बहुत ज्यादा नहीं होता इसलिए बार-बार यह समस्या आती है, लेकिन 3 से 20 लाख की सिक्योरिटी जमा करवाने के बाद फ्लोर मिल मालिक आटे की गुणवत्ता से समझौता नहीं कर पाएंगे।
आटे की गुणवत्ता में आएगा सुधार
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग उम्मीद कर रहा है कि इससे आटे की क्वालिटी में सुधार देखने को मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक आरके गौतम ने बताया कि फ्लोर मिल मालिकों से सिक्योरिटी लेने का प्रस्ताव Himachal Sarkar को भेज दिया गया है और अनुमति मिलने के बाद सिक्योरिटी वसूल की जाएगी।
