पहली बार में ही दुनियां की दो सबसे ऊँची चोटियों को छूने वाली पर्वतारोही रीना भाटी भी इस यात्रा में शामिल
दिल्ली /नासिक: अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद् एवं भगवा ऐप द्वारा आयोजित महासंगम यात्रा अपने पवित्र पड़ाव त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुँची, जहाँ भक्तों और International Mandir Prabandhak Parishad (IMPC) के प्रतिनिधियों ने भव्य पूजा-अर्चना, पालकी यात्रा और विशेष अभिषेक के साथ भगवान भोलेनाथ के चरणों में श्रद्धा अर्पित की। इस दौरान डोल-नगाड़ों की गूंज और वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
IMPC के राष्ट्रीय महासचिव और AVPL International के चेयरमैन दीप सिहाग सिसाए ने त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में विधिवत पूजा संपन्न कर सनातन संस्कृति के संरक्षण और आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “महासंगम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक चेतना को पुनर्जीवित करने का एक महाअभियान है। IMPC के माध्यम से हम प्राचीन मंदिरों को आधुनिक तकनीक से जोड़ रहे हैं, जिससे श्रद्धालु न केवल ऑनलाइन दर्शन और पूजा कर सकें, बल्कि मंदिर प्रबंधन भी अधिक प्रभावी और पारदर्शी बने।”
मात्र 20 घंटे 50 में चढ़ चुकी दो सबसे ऊँची चोटियों रीना भाटी
आपको बता दें IMPC के राष्ट्रीय महासचिव और AVPL International के चेयरमैन दीप सिहाग सिसाए लगातार यात्रा के साथ चल रहें है और हर ज्योतिलिंग व धाम में अपना शीश झुका रहें। इससे यात्रा में साथ चल रही भारत की मशहूर पर्वतरोही रीना भाटी भी अपना सहयोग बढ़ चढ़ कर दे रही है. उन्होंने बताया कि ये मेरे लिए बेहद ही आनंद का विषय है कि मैंने बहुत ही कम उम्र एक पर्वतरोही बनने के सपने को साकार किया और अब जहाँ लोगो को 4 धाम करने और 12 ज्योतिलिन्न्ग के दर्शन करने में पूरी उम्र बीत जाती है मुझे ये अवसर बहुत ही जल्द मिल गया. इसके लिए मै IMPC का बहुत-बहुत आभार देती हूँ . आपको बता दें रीना भाटी भारत की पहली ऐसी पर्वतारोही है जोकि बहुत कम समय में दुनियां की दो सबसे ऊँची माउंट एवेरेस्ट और माउंट लोटसे चोटी को एक साथ मात्र 20 घंटे 50 में चढ़ चुकी है.
महासंगम यात्रा के अन्य प्रमुख पड़ाव
महासंगम यात्रा की शुरुआत प्रयागराज महाकुंभ में पवित्र स्नान से हुई, जहाँ लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर इस ऐतिहासिक यात्रा को शुभारंभ दिया। इसके पश्चात यात्रा काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस, झारखंड स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम, ओडिशा के लिंगराज मंदिर, आंध्र प्रदेश के द्राक्षरामम एवं अमर लिंगेश्वर स्वामी मंदिर, दक्षिण काशी श्रीशैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु के वेल्लोर स्थित जलाकंडेश्वर मंदिर तथा रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग पहुँची। इन सभी स्थानों पर यात्रा का भव्य स्वागत हुआ और स्थानीय श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ इसमें भाग लिया। आगे यह यात्रा चित्र दूर्गा से महाराष्ट्र के कोल्हापुरे और भीमाशंकर ज्योतिर्लंग दर्शन करके नासिक में पहुंची जहाँ से अब ये यात्रा वडोदरा होते हुए सोमनाथ, द्वारका, अहमदाबाद, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मथुरा, वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश और उखीमठ होते हुए 24 फरवरी 2025 को दिल्ली में संपन्न होगी।
भगवा ऐप के बारें में-
भगवा ऐप द्वारा समर्थित इस महासंगम यात्रा का उद्देश्य भारत की संस्कृति और सभ्यता से युवाओं को जोड़ना है। यात्रा के दौरान IMPC के यात्रा सारथी बनाकर हिंदू सेवकों को वॉलंटियर के रूप में जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा, पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और प्राचीन मंदिरों की सफाई के लिए टीम का गठन भी किया जा रहा है। IMPC का लक्ष्य 1 लाख वॉलंटियर जोड़कर देशभर के धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करना है। साथ ही, यात्रा के माध्यम से धार्मिक स्थलों को डिजिटल टूरिज्म से जोड़ने की दिशा में काम किया जा रहा है, ताकि भारत की प्राचीन धरोहर को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिल सके।
अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) के बारे में
अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) भारत के मंदिरों और सांस्कृतिक स्थलों के पुनर्निर्माण एवं आधुनिकीकरण के लिए समर्पित एक संगठन है। इसका उद्देश्य प्राचीन मंदिरों को संरक्षित करना, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, और मंदिरों को डिजिटल तकनीकों से जोड़ना है। IMPC युवाओं, धार्मिक संगठनों और सरकारों के सहयोग से मंदिरों के आधुनिकीकरण और सामाजिक समरसता की दिशा में कार्य कर रहा है। IMPC का मिशन केवल धार्मिक स्थलों का संरक्षण ही नहीं, बल्कि उन्हें समृद्ध सांस्कृतिक केंद्रों में बदलना भी है, जो आध्यात्मिकता, सामाजिक उत्थान और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा दें। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप, IMPC मंदिरों में जल संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास को भी बढ़ावा दे रहा है।
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