नई दिल्ली, अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) एवं भगवा द्वारा आयोजित भगवा त्रिशूल यात्रा के 120 त्रिशुलों का पूजन दिल्ली के महिपालपुर शिव मंदिर में लगातार शिव शक्ति आराधना के रूप में चल रहा है। इसके पश्चात यात्रा कल सोनीपत मुरथल में पहुंचेगी जहां कल से 21 दिन तक माँ आदि शक्ति और भगवान शिव का महापूजन होगा ।
आज दिल्ली महिपालपुर के आख़िरी दिन के पड़ाव पर देश भर के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति भी इस पूजन कार्यक्रम में अपनी उपस्तिथि दर्ज करवा रहें है। आज इस शुभ अवसर पर भारत सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री कमलेश पासवान जी ने स्वयं इस दिव्य यात्रा में भाग लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया और 120 भगवा त्रिशूलों का विधिवत पूजन किया। हजारों श्रद्धालु, साधु-संत और धर्मप्रेमी जन इस महायात्रा के स्वागत में उमड़ पड़े। पूरे वातावरण में “हर हर महादेव” और “जय श्रीराम” के जयघोष गूंज उठे।
आपको बता दें यह यात्रा मोनी अमवस्या के दिन 25 जनवरी 2025 से प्रयागराज से शुरू हुई थी, जोकि 12 ज्योतिर्लिंग, 12 शक्तिपीठ और 4 धामों के त्रिशूलों के महासंगम के साथ प्रारंभ हुई थी, अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।
भगवा त्रिशूल यात्रा का गौरवशाली सफर
भगवा त्रिशूल यात्रा सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का भव्य अभियान है। यह यात्रा प्रयागराज के महाकुंभ में मौनी अमावस्या से आरंभ हुई थी, जहां संगम तट पर 31 दिनों तक 108 त्रिशूलों का नियमित अभिषेक किया जा रहा है। इसके पश्चात, यह यात्रा 1 मार्च से विशाल “भगवा त्रिशूल यात्रा” के तहत 120 त्रिशूलों के साथ देशभर के प्रमुख तीर्थ स्थलों से होते हुए दिल्ली की ओर अग्रसर हुई।
यात्रा के दौरान हजारों श्रद्धालु, किसान, युवा और धर्मप्रेमी जन इसके साथ जुड़े और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को मजबूत किया। इस यात्रा ने मंदिरों के पुनरुद्धार, धार्मिक आस्था के जागरण और भारतीय संस्कृति को सुदृढ़ करने का कार्य किया।
इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री कमलेश पासवान जी ने कहा,”भगवा त्रिशूल यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का एक भव्य प्रयास है। यह यात्रा हमें हमारे मूल्यों से जोड़ने, हमारी संस्कृति को संजोने और धर्म की महिमा को पुनर्स्थापित करने की प्रेरणा देती है। मैं इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनकर स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं और इस प्रयास की सराहना करता हूं। ऐसे धार्मिक अभियान समय-समय पर होते रहने चाहिए, ताकि हमारी भावी पीढ़ी सनातन संस्कृति से प्रेरणा ले सके।”
वही IMPC के राष्ट्रीय महामंत्री एवं AVPL इंटरनेशनल के चेयरमैन श्री दीप सिहाग सिसाय ने इस अवसर पर कहा, कि “भगवा त्रिशूल यात्रा केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि यह सनातन धर्म के पुनर्जागरण की दिशा में एक सशक्त प्रयास है। यह यात्रा भारत के हर कोने में सनातन संस्कृति का संदेश लेकर गई है और हजारों श्रद्धालुओं को धर्म और आध्यात्म से जोड़ा है। इस यात्रा ने मंदिरों के संरक्षण, धार्मिक आयोजनों के पुनरुद्धार और युवा पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ने का कार्य किया है।
कल यात्रा सोनीपत मुरथल में पहुंचेगी जहां कल से ही 21 दिन तक माँ आदि शक्ति और भगवान शिव का महापूजन होगा । 18 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाला समापन समारोह इस यात्रा की ऐतिहासिक सफलता को दर्शाएगा।”
कैलाश खेर शिव भजनों से जगाएंगे भक्ति की अलख
भगवा त्रिशूल यात्रा 18 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपने भव्य समापन के साथ इतिहास रचेगी। इस समारोह में धर्माचार्य, संत-महात्मा, राजनेता और हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।इस विशेष पूजन, भजन-कीर्तन, प्रवचन और महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जिससे सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार को और अधिक मजबूती मिलेगी। समापन समारोह को और भी भव्य बनाने के लिए प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर अपनी प्रस्तुति देंगे। वे शिव भजनों के माध्यम से पूरे वातावरण को शिव भक्ति में सराबोर कर देंगे। उनकी ओजस्वी और आध्यात्मिक गायकी से श्रद्धालुओं को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होगा और दिल्ली में एक अलौकिक शिवमय वातावरण का सृजन होगा।
इस महायात्रा का भव्य समापन सनातन धर्म के पुनर्जागरण का प्रतीक होगा और आने वाली पीढ़ियों को यह प्रेरणा देगा कि धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हमें हमेशा तत्पर रहना चाहिए।
हर हर महादेव! जय श्रीराम!
