अहमदाबाद, 14 फरवरी 2025: अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) एवं भगवा ऐप के तत्वावधान में आयोजित महासंगम यात्रा अपने आध्यात्मिक संदेश के साथ अहमदाबाद पहुंची। इस यात्रा के तहत 14 फरवरी को अहमदाबाद के प्रतिष्ठित सिल्वर ओक विश्वविद्यालय में महासंगम यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर 8000 से अधिक छात्रों ने महासंगम यात्रा का उत्साहपूर्वक स्वागत किया और अपनी प्राचीन संस्कृति से रूबरू हुए। इस कार्यक्रम में कोई विद्वान या संत शामिल नहीं हुए, बल्कि यह आयोजन महासंगम यात्रा पर केंद्रित परिचर्चा के रूप में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:
- महासंगम यात्रा का भव्य स्वागत
- युवाओं के बीच सनातन संस्कृति और परंपराओं पर चर्चा
- 1 लाख वॉलंटियर्स को जोड़ने के लक्ष्य पर विचार-विमर्श
- छात्रों को प्राचीन संस्कृति से जोड़ने के प्रयास
महासंगम यात्रा के प्रमुख दीप सर ने कहा, “हमारा उद्देश्य युवाओं को सनातन संस्कृति से जोड़ना और उन्हें अपनी विरासत का गर्व कराना है। इस यात्रा के माध्यम से हमने युवा पीढ़ी को प्रेरित किया कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को आत्मसात करें।”इस आयोजन में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और महासंगम यात्रा से जुड़े युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। महासंगम यात्रा के माध्यम से यह कार्यक्रम सनातन धर्म की गहराई और इसकी आधुनिक समाज में उपयोगिता को उजागर करने का एक सशक्त मंच बना।
इतना ही नहीं यात्रा के साथ चल रहें 12 त्रिशूलों का भी पूजन छात्रो द्वारा किया गया। आपको बता दें महाकुंभ प्रयागराज में स्तिथ महामंडलेश्वर स्वामी दयानंद सरस्वती जी के आश्रम में 108 त्रिशूलों का पूजन 108 पंडितों द्वारा सुबह और सायं किया जा रहा है, यह पूजन 30 दिन की इस यात्रा के दौरान लगातार जारी रहेगा। इसके बाद इन त्रिशुलों को मंदिरों में स्थापित किया जायेगा।
यात्रा का उद्देश्य और प्राचीन धरोहर का डिजिटलकरण
आपको बता दें कि इस महान मह्संगम यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म के पुनर्जागरण के साथ-साथ मंदिरों और पुजारियों को डिजिटल की दुनियां से जोड़ना है, मंदिरों के आधुनिकीकरण, धरोहर संरक्षण और सामाजिक उत्थान को बढ़ावा देना है। अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) एवं भगवा ऐप के सहयोग से आयोजित यह यात्रा, भक्तों को न केवल प्राचीन धार्मिक परंपराओं से जोड़ती है, बल्कि आधुनिक तकनीक के माध्यम से उन्हें ऑनलाइन पूजा, आरती एवं अन्य धार्मिक गतिविधियों का सुविधाजनक मंच भी प्रदान करती है। भगवा ऐप के जरिए भक्त अब मोबाइल उपकरणों के माध्यम से भी अपने धार्मिक अनुष्ठानों का आनंद ले सकते हैं।
यात्रा में अब तक का सफर
इस 30 दिनों तक चलने वाली यात्रा ने अब तक 19 दिन पुरे कर लियें है, यात्रा ने अब तक 17 दिनों में 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ली है, जिसमें अनेकों पवित्र तीर्थस्थलों के दर्शन किए गए और हजारों श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लेकर अपनी आस्था प्रकट की। यात्रा की शुरुआत प्रयागराज महाकुंभ से हुई, जहाँ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान कर इसे ऐतिहासिक स्वरूप दिया। इसके पश्चात यात्रा काशी विश्वनाथ धाम पहुँची, जहाँ भगवान शिव के चरणों में भक्तों ने अपने संकल्प को और दृढ़ किया। वहाँ से यात्रा बाबा बैद्यनाथ धाम (झारखंड), लिंगराज मंदिर (ओडिशा), द्राक्षारामम एवं अमर लिंगेश्वर स्वामी मंदिर (आंध्र प्रदेश), श्रीशैल मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, जलाकंडेश्वर मंदिर (वेल्लोर, तमिलनाडु) और रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तक पहुँची। अब यह पवित्र यात्रा भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने के पश्चात नासिक में त्र्यन्म्बकेश्वर मंदिर में दर्शन कर सूरत के तापी नदी के तट पर पहुची यहाँ से यात्रा आज सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन हेतु सोमनाथ पहुँची है। इसके बाद यात्रा आज अहमदाबाद पहुंची, यहाँ से यात्रा उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने के लिए प्रस्थान करेगी और 15 फरवरी को उज्जैन पहुचेगी. इसके बाद यात्रा ओंकारेश्वर, मथुरा, वृंदावन, हरिद्वार, ऋषिकेश और उखीमठ होते हुए 21 फरवरी 2025 को दिल्ली में संपन्न होगी। विदित हो की यात्रा के दौरान मार्ग में पड़ने वाले प्रत्येक मंदिर और नदियों पर पूजा अर्चना भी की भी लगातार की जा रही है.
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भगवा ऐप, IMPC और यात्रा के बारे में
महासंगम यात्रा, भगवा ऐप द्वारा समर्थित, भारतीय संस्कृति और सभ्यता से युवाओं को जोड़ने का माध्यम है। इस यात्रा में IMPC के वॉलंटियर (हिंदू सेवक) जोड़े जा रहे हैं, पूजा सामग्री विक्रेताओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो रहा है, और प्राचीन मंदिरों की सफाई के लिए टीमें बनाई जा रही हैं। IMPC का लक्ष्य 1 लाख वॉलंटियर जोड़कर धार्मिक स्थलों को पुनर्जीवित करना और डिजिटल टूरिज्म के माध्यम से भारतीय धरोहर को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है।
महासंगम यात्रा: 12 ज्योतिर्लिंग और 4 धामों का पवित्र सफर
यह यात्रा 23 जनवरी 2025 को दिल्ली से शुरू होकर 24 फरवरी 2025 को दिल्ली में समाप्त होगी। महाकुंभ में 108 त्रिशूलों के जलाभिषेक से यात्रा की शुरुआत हुई, जिन्हें 108 शिव मंदिरों में स्थापित किया जाएगा। 12 ज्योतिर्लिंगों और 4 धामों में शिवलिंग और त्रिशूल प्रतिष्ठा, मंदिरों के सौंदर्यीकरण, सफेदी, लाइटिंग, पानी और वाई-फाई जैसी सुविधाओं को जोड़ा जाएगा। 26 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि को 108 त्रिशूल शक्तिकेंद्र के रूप में स्थापित किए जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य मंदिरों की महिमा पुनः स्थापित करना और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
IMPC: मंदिरों के पुनर्जागरण की दिशा में एक कदम
अंतरराष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद (IMPC) मंदिरों के पुनर्निर्माण और उन्हें समृद्ध आध्यात्मिक केंद्रों में बदलने के लिए कार्यरत है। हम धरोहर संरक्षण, सामाजिक उत्थान और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से मेल खाता है। मंदिरों में पानी, सफाई और नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों को लागू किया जा रहा है, साथ ही महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और बच्चों के कल्याण से जुड़े कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। IMPC का उद्देश्य भारतीय संस्कृति, एकता और सामाजिक समृद्धि को बढ़ावा देना है।
