सोयाबीन तेल की कीमतों में हुई गिरावट से पाम ऑयल के दाम गिरे, भारत ने आयात को दिया बढ़ावा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

वैश्विक स्तर पर सोयाबीन तेल के दामों में गिरावट की वजह पाम ऑयल की कीमतों पर काफी ज्यादा असर देखने को मिल रहा है हालत ऐसे है की पाम ऑयल अब सोयाबीन तेल से भी अधिक सस्ता हो गया है ऐसे में भारतीय आयतकों की मांग में भी वृद्धि होती जा रही है वही अखिल भारतीय खाद्य व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय मंत्री शंकर ठककर का कहना है अगले कुछ महीनो में पाम ऑयल की कीमतों में वृद्धि हो जाएगी। क्योंकि इसकी कीमतों में गिरावट के कारण यह प्रतिद्वंद्वी सोया तेल के मुकाबले सस्ता हो गया है। भारत दुनिया में पाम तेल का सबसे बड़ा आयातक देश है।

दोनों तेलों का भाव
कच्चे पाम तेल की कीमत वर्तमान में लगभग 1,050 डॉलर प्रति टन है, जबकि सोया तेल की कीमत 1,100 डॉलर प्रति टन है, जिससे भारतीय आयातक कम होते स्टॉक के बीच फिर से स्टॉक बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। वही दिसंबर से मार्च तक पाम तेल के आयात में काफी गिरावट देखी गई, लेकिन मई में आयात बढ़कर 500,000 टन से अधिक और जून में 600,000 टन से अधिक होने का अनुमान है।

स्‍टॉक बढ़ाने की तैयारी में रिफाइनर्स
इस बदलाव से मलेशियाई पाम ऑयल वायदा को समर्थन मिलने की उम्मीद है, जो 2025 में लगभग 10% गिर गया है। वही खरीद में सुधार एक नए मांग चक्र का संकेत देता है, क्योंकि हमारे बंदरगाहों और रिफाइनर्स का स्टॉक कम हो चुका है। इसलिए वे अपने स्टॉक को फिर से भरने का लक्ष्य रख सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पाम तेल अब सोया तेल से सस्ता हो गया है, जिससे खरीदारी फिर से बढ़ गई है।

दिसम्बर में घटा आयात
पिछले साल के आखिर में पाम ऑयल ने सोया ऑयल के मुकाबले अपनी कीमत घटा दी थी, जिसके कारण भारतीय खरीदारों ने आयात में काफी कटौती की थी। वही दिसंबर से मार्च तक, भारत ने केवल 1.57 मिलियन टन पाम ऑयल का आयात किया यानी औसतन 3,84,712 टन प्रति माह यह अक्टूबर 2024 को समाप्त होने वाले मार्केटिंग वर्ष के दौरान प्रति माह आयात किए जाने वाले 750,000 टन प्‍लस की तुलना में काफी कम था।

मलेशियाई पाम ऑयल को मिलेगा बढ़ावा
जुलाई और सितंबर के बीच मांग में और बढ़ोतरी होगी, जो संभवतः मासिक 700,000 टन को पार कर जाएगी, क्योंकि रिफाइनरियां स्टॉक को फिर से बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। वही भारत की ओर से इस नए खरीददारी रुझान से बेंचमार्क मलेशियाई पाम ऑयल वायदा को समर्थन मिलने की संभावना है, जिसमें 2025 में लगभग 10% की गिरावट आई है।

 

Durg Rathor
Author: Durg Rathor

EMPOWER INDEPENDENT JOURNALISM – JOIN US TODAY!

DEAR READER,
We’re committed to unbiased, in-depth journalism that uncovers truth and gives voice to the unheard. To sustain our mission, we need your help. Your contribution, no matter the size, fuels our research, reporting, and impact.
Stand with us in preserving independent journalism’s integrity and transparency. Support free press, diverse perspectives, and informed democracy.
Click [here] to join and be part of this vital endeavour.
Thank you for valuing independent journalism.

WARMLY

Chief Editor Firenib

2024 में भारत के प्रधान मंत्री कौन होंगे ?
  • नरेन्द्र दामोदर दास मोदी 47%, 98 votes
    98 votes 47%
    98 votes - 47% of all votes
  • राहुल गाँधी 27%, 56 votes
    56 votes 27%
    56 votes - 27% of all votes
  • नितीश कुमार 22%, 45 votes
    45 votes 22%
    45 votes - 22% of all votes
  • ममता बैनर्जी 4%, 9 votes
    9 votes 4%
    9 votes - 4% of all votes
Total Votes: 208
December 30, 2023 - January 31, 2024
Voting is closed